सादर अभिवादन।
गुरुवारीय अंक में आपका स्वागत है।
वक़्त
ठहरता नहीं
सब ख़ूब जानते हैं,
फिर भी कभी-कभार
ठहर जाने की दुआ माँगते हैं।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-
एक और नया पन्ना जुड़ा... आकांक्षा-आशा लता सक्सेना
पर अभी तक प्रश्न अनुत्तरित हैं
इनके उत्तर ढूँढूं कहाँ
जिससे भी जानना चाहा
उसी ने कहा यह तो
जीवन में आने वाली सामान्य सी
सहज ही सी प्रतिक्रिया है |
कुछ हैं तेरी याद से जुड़े हुए ...स्वप्न मेरे
रोज एक इम्तिहान है नया,
हम भी इस तरह से कुछ बड़े हुए.
बादलों का साथ दे रही हवा,
सामने हैं सूर्य के अड़े हुए.
उन्हें नहीं पता
कि उन्हें उतरना ही होगा,
मिलना ही होगा मिट्टी में,
हारना ही होगा
धूप से, हवा से.
मिलान में रेड कार्पेट पर चलती हसीनाएं और उनका शरीर
न जाने आजकल गंध क्यों मारते हैं,
बाबू के माथे का पसीना
जब-जब गिरा है करघे की डोरों पर,
यह देश मेहनत की ख़ुशबू में डूब गया है।
एक अजीब बाज़ार है दुनिया... काव्यांजलि
सच की कीमत को न समझे
झूठ का करती व्यापार है दुनिया,
सौदा करने का ढंग न आये
हिसाब मे बड़ी बेकार है दुनिया,
आंदोलन के नाम क्यों,करते लोग बवाल।
मूल लक्ष्य को भूल कर,बजा रहें हैं गाल।।
चिपको आंदोलन हुआ,चेती तब सरकार ।
लक्ष्य रहा पर्यावरण, तभी बचे कांतार।।
“हजारों भारतीयों को नितांत अपरिचित भूमि पर मरने के लिए भेज दिया जाता था . ...सिद्धांत रूप में तो सैनिक-भर्ती स्वैच्छिक थी, किन्तु व्यवहार में यह लगभग ज़ोर-ज़बरदस्ती का रुप धारण कर लेती थी. पंजाब में 1919 के उपद्रवों के पश्चात कांग्रेस द्वारा की गयी जाँच-पड़ताल से ज्ञात होता है कि वहाँ के लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकेल ओ डायर के शासन काल में लंबरदारों के माध्यम से जवानों को सेना में भरती होने के लिए बाध्य किया जाता था.”
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आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
सादर..
सराहनीय प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसाधुवाद
बेहतरीन प्रस्तुति, सभी रचनाएँ बहुत ही सुंदर है, हार्दिक आभार आपका शुक्रिया शुभ प्रभात, सादर नमन
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुति--साधुवाद
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुति |मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक सयोजन ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी गज़ल को शामिल करने के लिए ...
सभी रचनाएँ बहुत ही सुंदर है 👌👌
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