आज बस
शायद कल फिर
सादर
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असीम शुभकामनाओं के संग प्रतीक्षारत प्रतियोगिता हेतु
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुति
भारतवर्ष की राजनीति के आदर्श पुरुष आदरणीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्य स्मृति को सादर नमन🙏🙏. जिन्होंने अपने आदर्श आचरण से सिद्ध किया राजनीति और नैतिकता भी साथ साथ चल सकती हैं.
जवाब देंहटाएंकहाँ गए ? थे हवामहल ही
कहाँ गया वह लक्ष्य साधता,
मंजिल पर ही बैठ मुसाफिर
पूछा करता था जो रस्ता !
जैसी पंक्तियों के साथ अनीता जी की सार्थक रचना के साथ साथ दूसरी सुंदर रचनाएँ और गगन जी का अलग सा सार्थकलेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा. सभी को पढ़ना चाहिए ये लेख बहुत ज्ञानवर्धक है. आज के सभी रचनाकारों को सस्नेह शुभकामनाएं. आपको हार्दिक बधाई आदरणीय दीदी सुंदर लिंक संजोयन के लिए🙏🙏. रही बात प्रतियोगिता की अच्छा विचार है, हमकदम ही दुबारा ले आयें या फिर कोई मौलिक विचार आये उसे लागू करें. मेरी शुभकामनायें 🙏🙏
बेहतरीन अंक
जवाब देंहटाएंश्रद्धा सुमन
भारत के वीर सपूत को
सादर
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसम्मिलित कर सम्मान देने हेतु अनेकानेक धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसार्थक भूमिका के साथ पठनीय रचनाओं का चयन, भारत के महान नेता को विनम्र श्रद्धांजलि ! आभार !
जवाब देंहटाएंविश्व हिंदी दिवस की असंख्य शुभकामनाएं, विविध रंगों से सरोबार पांच लिंकों का आनंद मुग्ध करता हुआ, मुझे जगह देने हेतु हार्दिक आभार आदरणीया यशोदा जी - - नमन सह।
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