हाजिर हूँ.. उपस्थिति स्वीकार करें...
कितन मुश्किल है बड़े हो कर बड़े रहना भी,
अपनी मंजिल पर पहुँचना भी खड़े रहना भी,
एक मंजिल और बनी और वो छत फर्श हो गई-
हौसलें आजमाती ख्वाहिशों का अड़े रहना भी
कड़कड़ाती ठंड में भी खुले बांहों से समेटे
लू के थपेड़े को भी चमेटे,
काम, क्रोध, मोह, मद और लोभ का साक्षी
मेरा खराब रहना सभी की सेहत के लिए अच्छा है.
कितने ही पतियों के ऑफिस से देर से
लौटने का कारण मैं बन जाती हूँ.
टैक्सीवालों के मनमौजी टैक्सी चलाने और
ऊपर से मनमाना किराया
वसूलने का भी बहाना बनती हूँ.
वादे झूठे, कसमें झूठीं, झूठा प्रेम निभाया
फिर भी न जानें, क्यों नहीं माने, ऐसा दिल भरमाया
दिल की बातें दिल ही जाने, कौन इसे समझाए
जीवन-पथ पर धीरे-धीरे राही पाँव बढ़ाए
रामराज्य बापू का सपना
सबसे अच्छा हो देश अपना,
स्वतंत्र भारत में हो सुशासन
स्वस्थ हो राष्ट्र का वातावरण।
पर अब विकास की दौङ में
नैतिकता का ह्यस हो रहा?
देखो विङम्बना ये कैसी!
आज संविधान का भी
अपमान हो रहा?
मेरे बेटे! बस जीवन समर में डटे रहना,
कभी युद्ध में पीठ मत दिखाना,
जीवन समर छोड़ मत भागना,
बस जीवन समर में डटे रहना।
धनु बड़े विशाल पड़े हैं
प्रत्यंचों को चढ़ाए कौन?
कसीदेकारी ही धंधा है
रंगमंचों को सजाए कौन?
जिनकी लेखनी बिक गई, सुन लें
उनसे दोयम कोई विषव्याल नहीं है
मेरा रंग सिर्फ लाल नहीं है ।
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पुनः भेंट होगी...
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सादर नमन..
जवाब देंहटाएंसदा की तरह
आनन्दित करने वाली प्रस्तुति..
सादर..
बेहतरीन रचनाओं का अति सुंदर संकलन दी।
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुति।
प्रणाम दी।
सादर।
बेहतरीन रचनाओं का संकलन।
जवाब देंहटाएंआभार
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन
जवाब देंहटाएंसार्थक अंक सदैव की तरह आदरणीय दीदी।माँ भारती के अमर सपूत सुभाष चन्द्र बोस की पुण्य स्मृति को कोटि नमन 🙏🙏
जवाब देंहटाएंएक सरल विषय पर अतुलनीय अंक।
पथ संसार की जीवन रेखा हैं और लोगों, समाज , राज्यों और देशों को जोड़ने वाली मजबूत कड़ी हैं। विभिन्न रचनाओं में पथ पर चिंतन अच्छा लगा।
यही कहूँगी-----
पथ ना होते जो राही को
मंज़िल तक पहुंचाता कौन?
गिरना, पढ़ना और संभलना
बिछडों को मिलाता कौन??
सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏
बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंप्रसिद्ध ब्लॉगर और कुशल समीक्षक जितेंद्र माथुर जी की सधी कलम से, राष्ट् - कवि दिनकर जी की अमर कृति " रश्मिरथी " की संगोपांग समीक्षा जिसमें पुस्तक के सभी पक्षों पर प्रकाश डाला गया है है। सुधि पाठकों से विनम्र निवेदन है कि लेख को पढकर अपनी राय जरूर दें🙏🙏
जवाब देंहटाएंhttps://jitendramathur.blogspot.com/2021/01/blog-post_50.html?showComment=1611424285606&m=1#c5685726041510156649
जितेंद्र जी का ब्लॉग रीडिंग लिस्ट में नही दिख रहा। यदि कोई जानकार हो तो उनका मार्ग दर्शन जरूर करें। सादर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं का संकलन 👍
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