आज कुछ अधिक से ज्यादा ठंड है......
बर्फबारी की संभावना है......
धूप ने दर्शन भी नहीं दिये......
किसान आनंदित है......
सेब की फसल अच्छी होगी.........
अब पेश है......
आज के लिये मेरी पसंद।
नूतन वर्ष (10 हाइकु)
नया बरस।
विस्मृत करें
बीते साल की चालें
मन के छाले।
बोलो_क्या_क्या_खरीदोगे -
ऐसे_दोस्त चाहूँगी जो खीर में नमक पड़ जाने पर भी उसके स्वाद में अपनी सकारात्मकता से नया स्वाद भर सकें और यह देख कर कि मैं किसी प्रकार चल पा रही हूँ ,दौड़ नहीं सकती की लाचारी के स्थान पर ,यह कहने का जज़्बा रखते हों कि अपने दम पर चल रही हो ,किसी पर निर्भर नहीं हो । मेरे लिये पहले भी और अब भी दोस्त का मतलब ही होता है एक ऐसी शख़्सियत जिसके पास मेरे लिये #वक़्त हो ,उसके दिल - दिमाग़ में #मुहब्बत हो ... ज़िन्दगी कितने भी उबड़ खाबड़ रास्तों पर चल रही हो ,वह एक #उम्मीद
हाइकु व वर्ण पिरामिड
नवल वर्ष–
पहाड़ी भूत खेले
आँखमिचौली।
सूर्य को ढूँढूँ
पहाड़ी की राहों में–
नवल भोर।
अर्थहीन शुभकामनाएँ -
क्या इसमें आपका भी कोई सक्रिय योगदान होगा?
या यूँही तमाशा देखेंगे
कुछ ज़्यादा ही अच्छा हो गया
तो जलेंगे-भुनेंगे?
कुछ /रंगीन मृग मरीचिका।
मैं दोनों हाथ बढ़ाता हूँ
की छू सकूँ,
अभिशाप मुक्त अनुभूति को,
पुनः उड़ा पाऊं
अब सोचे क्या, नव-परिचय की यह बेला?
दो हाथों की, इक गाँठ बना,
इक विश्वास जगा,
ये सांस चले, संग सदियों तक!
हर्ष रहे, नव-वर्ष मनें, परिचय की गाँठ बंधे,
चैन धरे, रहे फिर हाथ गहे,
कोई नवताल सुनें,
कुछ पल क्या? सदियों तक!
उससे युद्ध करने की ठानी लेकिन
बालि ने रावण को
अपनी कांख में छह माह
तक दबाए रखा था।
अंत में रावण ने उससे
हार मान कर उसे अपना मित्र बना लिया था।
बढ़िया प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंआभार..
सादर..
शुभ प्रभात,
जवाब देंहटाएंनए साल की इस प्रस्तुति का हिस्सा बनना बड़े ही सौभाग्य की बात है। आभार पटल।
असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद
वाह!सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंजबरदस्त प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंसादर..
सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआकर्षक संकलन व सुन्दर प्रस्तुति के साथ पांच लिंकों का आनंद ख़ुश्बू बिखेरता सा, मुझे जगह प्रदान करने हेतु ह्रदय तल से आभार आदरणीय कुलदीप जी - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति