सुख-दुख मानव जीवन का अभिन्न
अंग है। सुख का अनुभव खुशियाँ,खुशहाली,
आनंद से परिपूर्ण होता है।
दुख का अनुभव तकलीफ़, दर्द,मन की
बोझिलता होती हैं पर कहते है न
"अति सर्वत्र वर्जयेत"
दुख की अवस्था मन पर अधिक
समय तक हावी हो तो
अवसाद का रुप ले लेती है।
अवसाद एक मानसिक स्थिति है
जो सामान्य जीवन के क्रियाकलापों को
प्रभावित करती है।
अवसादग्रस्त मानव की
शारीरिक अवस्था और मानसिक बोझिलता
एक मनोरोग की तरह
गंभीर बीमारी का कारण बन जाती है।
अतः जीवन में चाहे कोई भी परिस्थिति हो
धैर्य और साहस के बनाये रखना चाहिये
सदैव सकारात्मक रहें।
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चलिये आज के विषय पर प्रेषित
हमारे प्रिय रचनाकारों की
अद्भुत ,विलक्षण और
मौलिक सृजन का आस्वादन
करते हैं।
आदरणीय विश्वमोहन जी
अवसाद
चेतन-अवचेतन-अचेतन की ची-ची-पो-पो में,
उगता अवसाद।
हार में हर्ष व विजय में विषाद का छोड़ जाता है,
अहसास अवसाद।
किन्तु घूमते सौरमंडल में क्षणिक है,
ग्रहण काल।
रुकता नहीं राहु ग्रसने को,
खो देता, वक्र चाल।
★★★★★
रवीन्द्र भारद्वाज
★★★★★
आदरणीया साधना जी
कैसी अन्यायपूर्ण लीला है,
अम्माँ का हाथ हमारे
सिर से क्यों छीन लिया
यह आघात हम सब बाल बच्चों
के लिये कितना चुटीला है !”
अम्मा फ्रेम में ही कसमसाईं
तस्वीर के अंदर से झाँकती
उनकी आँखें घोर पीड़ा से
छलछला आईं !
★★★★★
सब के इशारों पर भौरे सी नाचती
रह गई है हाथ की कठपुतली हो कर
ना सोच पाई इस से अधिक कुछ
कहाँ खो गई आत्मा की आवाज उसकी
यूँ तो याद नहीं आती पुरानी घटनाएं
जब आती हैं अवसाद से भर देती हैं
मन ब्यथित कर जाती हैं
बन राह के सांझेदार
मंजिल का कोई
ठिकाना ना पड़ाव
उलझती सुलझती रही
मन लताऐं बहकी सी
लिपटी रही सोचों के
विराट वृक्षों से संगिनी सी
आशा निराशा में
आदरणीया कुसुम कोठारी
कैसी काली छाया पड़ी
जीवन पर्यन्त जो आदर्श
थे संजोये फूलों से चुन चुन
पल में सब हुवे छिन्न भिन्न
हा नियति कैसा लिये बैठी
अपने आंचल में ये सर्प दंस
क्या ये मेरे हिस्से आना था
आशाएं मुख मोड़ने लगतीं हैं
वक्त भी भागता रहता है
अपनी तेज रफ्तार से
हमें बहुत कुछ देकर
हमसे बहुत कुछ लेकर
खो जाए जिंदगी में
जब कोई सदा के लिए
तब अवसाद से घिर जाता मन
फिर हिम्मत रख सम्भाला खुद को नयी-
उम्मीद लेकर.........
करेगा फिर अथक इंंतजार खुशियों का
नयी शाखाएं आने तक...।
पुनः सतत प्रयासरत होकर.....
आशान्वित हुआ फिर गुलमोहर..........
राह भटक जाता है, परिस्थितियाँ चाहे जो भी हो,
प्रेम का बंधन छलावा लगता है, महत्वाकांक्षाएँ
बोझ बन जाती हैं,पद- प्रतिष्ठा और वैभव नष्ट हो
जाते हैं , भ्रष्टतंत्र में ईमानदारी का
उपहास होता है, श्रम का
मूल्य नहीं मिलता है, जुगाड़ तंत्र प्रतिभाओं
का गला घोंट देता है,
तब हृदय चित्कार कर उठता है। वह नियति से
सवाल करता है-
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आप सभी के द्वारा सृजित
आज यह अंक कैसा लगा?
आपकी बहुमूल्य शुभकामनाएँ और सुझावों
की प्रतीक्षा रहती है।
हमक़दम के अगले अंक के विषय में
जानने के लिए
कल का अंक पढ़ना न भूलें।
-श्वेता सिन्हा
अवसाद पर सुंदर संकलन,मेरे विचारों को स्थान देने के लिये हृदय सेआभार श्वेता जी।
जवाब देंहटाएंसभी को सुबह का प्रणाम।
पथिक को तो जो कुछ प्राप्त हुआ है,इस जग में इसी अवसाद से ही प्राप्त हुआ है। अतः यही उसका अमृत कलश है। बस आँखें खुली रहें।
शुभ प्रभात.....
जवाब देंहटाएंकरेगा फिर अथक इंंतजार खुशियों का
नयी शाखाएं आने तक...।
शानदार अंक
सादर..
अवसाद में फँसे किसी मन-मस्तिष्क को मार्गदर्शन करती यह प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिये धन्यवाद |
अवसाद पर अलगअलग जानकारी देती रचनाएं |उम्दा संकलन |
शानदार अंक
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, अवसाद का निवारण करती बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंरचनाएँ, सभी रचनाकारों को शुभकामनायें, मुझे हमक़दम में स्थान देने के लिए सह्रदय आभार आदरणीय श्वेता जी |
सादर
अवसाद निश्चित रूप से मन मस्तिष्क को थका कर निष्क्रिय बना डालता है किन्तु दुनिया के हर रंग को देख लेने का इससे बड़ा अवसर और कहीं मिलना शायद संभव नहीं ! बहुत सुन्दर रचनाओं का अनूठा संकलन ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी !
जवाब देंहटाएंअति उत्तम भाव लेखन
जवाब देंहटाएंअवसाद पर नायाब संकलन
👍👍👍👍👍👍👍
यदि अवसाद नही होता तो
अर्थ नही लेती खुशियाँ
अवसाद के कड़वे पन से ही
जनमती मीठी उक्तियाँ !
सुन्दर रचनाओं के संकलन के साथ विचारपूर्ण प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद श्वेता जी।
वाह!!सुंदर प्रस्तुति !!लाजवाब रचनाएँ ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंउम्दा रचनाएं
मेरी रचना को इस अंक में संकलित करने के लिए आभार .......सहृदय जी
बहुत सुन्दर संकलन।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन उम्दा रचनाएं :)
जवाब देंहटाएंRecent Post शब्दों की मुस्कराहट पर कुछ मेरी कलम से यशोदा अग्रवाल:)
हमेशा की तरह शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा पठनीय लिंक-संकलन....।
जवाब देंहटाएंप्रस्तुत विशेषांक में मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार श्वेता जी !
मैं तो कायल हो गयी आपके अन्वेषण की...।
सस्नेह आभार।
अवसाद पर केन्द्रित रचनाओं को पढ़कर रचनाकारों के दृष्टिकोण प्रभावित करते हैं। सुंदर आयोजन। सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ। आदरणीया डॉ. इंदिरा जी ने काव्यात्मक टिप्पणी के ज़रिये सटीक सूत्र वाक्य रचा है।
जवाब देंहटाएंप्रिय श्वेता -- अवसाद पर बेहतरीन प्रस्तुतिकरण |इस संवेदन विषय सभी रचनाकारों का सृजन अत्यंत प्रभावी है| अवसाद सदी का महारोग बनता जा रहा है | मन की अत्यंत गम्भीर स्थिति जो भुक्तभोगी को किसी और नैराश्य भरे संसार में ले जाती है | पर आधुनिक युग में चिकित्सा के क्षेत्र में अनेक क्रांतिकारी बदलाव आये हैं और इसी क्रम में मनो रोगों का सफल इलाज संभव है |इस रोग निवारण में हम सब एक प्रमुख भूमिका अदा कर सकते हैं |रोगी को दवा के साथ स्नेह की अत्यंत दरकार है | रोगी की बात स्नेह और धीरज से सुन उसके भीतर जीवन की नई आशा जगाना ही हमारा परम कर्तव्य होना चाहिए | आज दवाइयों और चिकित्सीय सलाह से इसका पूर्ण उपचार संभव है | मैंने अपने परिवार में एक अत्यंत प्रतिभाशाली युवा को इस रोग की चपेट में आते देखा है | जिसके साथ परिवार की स्थिति को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता | परिवार के अतुलनीय स्नेह और संयमित व्यवहार ने उस युवा को काफी हद तक आम जीवन जीने के योग्य तो बना दिया पर बिमारी के दौरान भोगी गयी उस पीड़ा को याद कर परिवार आज भी सिहर उठता है | जीवन में पूर्ण संतोष के साथ जीना ही इसका सहज उपचार हो सकता है तो अति महत्वकांक्षी होना इस रोग को न्योता देने जैसा है और भी परिस्थिति जन्य कई कारण हो सकते हैं पर आशावाद और सकरात्मक सोच से इस नामुराद रोग से बचा जा सकता है |
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ खास है पर साधना बहन और कुसुम बहन की रचनाओं ने मनमोह लिया | सभी रचनाकारों को सस्नेह शुभकामनायें और आपको भी सुंदर प्रस्तुतिकरण के लिए हार्दिक बधाई और मेरा प्यार |
बेहतरीन रचनाएं सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार श्वेता जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंरचनाएँ, सभी रचनाकारों को शुभकामनायें
https://kavivirajverma.blogspot.com/
बहुत सुंदर और सार्थक भुमिका के साथ शानदार प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाऐं नही पढ पाई।
सभी रचनाकारों को बधाई ।
मेरी दो रचनाओं को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंसस्नेह