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गुरुवार, 31 जनवरी 2019

1294...दीन-हीन दुर्बल न रहें वे, हों किसान अथवा मजदूर...


सादर अभिवादन। 

है 
आज 
मौसम
शोर भरा 
पतंग उड़ी 
चुनावी वादों की 
लूटेगा कौन-कौन?  
  
आइये अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें- 

 

 

दीन-हीन दुर्बल न रहें वे, हों किसान अथवा मजदूर 
समुचित श्रम का प्रतिदान मिले, वे समर्थ बनें न कि मजबूर !


 
नहीं है ख़ौफ़ मौसम का, कोई डर हवाओं का
उड़ानों की लिए चाहत, परिन्दे घर से निकले हैं।

  

यादों में पगलाई शाम....श्वेता सिन्हा


छत के मुंडेरों के
कोने में छुप गयी
रोती गीली गीली शाम
कुछ बूँदें छितराकर
तुलसी के चौबारे पर


My photo 

ये  जिंदगी हर पल सबका कड़ा इम्तेहान लेती है

आसान होता नहीं सबके लिए उसे पास कर पाना





खेत मेरे ,दो बूंद पानी को तरसते रहे,

शेयर बाज़ार से आप कौनसी अच्छी ख़बर लाये हैं,

बदन से आज भी मिटटी की भीनी बू नही जाती,
कई बार किसान तुम्हारे जुठ वादों में नहायें हैं,

चलते-चलते यायावर हर्ष वर्धन जोग साहब की एक शानदार प्रस्तुति-  


सन 1818 में ब्रिटिश जनरल टेलर ने पहली बार इन स्तूपों का वर्णन किया पर तब भी पुनर्स्थापना का काम नहीं हुआ. 1912 से 1919 तक इस जगह को पुरात्तव विभाग - ASI ने सर जॉन हुबर्ट मार्शल के नेतृत्व में फिर से विकसित करने का प्रयास किया. 1989 में इसे विश्व धरोहर या World Heritage Site का दर्जा मिला

हम-क़दम का नया विषय
यहाँ देखिए



दृष्टि 
दृष्टि में आज पढ़िए- 

कुछ मेरी कलम से यशोदा अग्रवाल पढ़ने का जूनून :)…संजय भास्कर 

तलाशें..उन सफेदपोशों
और सरकारी अमले में से
विभीषणों और जयचंदों  को
जो इन आतंकवादियों को 
खबरें मुहैय्या  करवाते हैं




आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

16 टिप्‍पणियां:


  1. ये जिंदगी हर पल सबका कड़ा इम्तेहान लेती है
    आसान होता नहीं सबके लिए उसे पास कर पाना

    फिर भी कुछ तकदीर और तदबीर वाले होते हैं
    ..
    जी परीक्षा का मौसम है,पहले बच्चों का फिर हम बड़ों का। बच्चों को अपना भविष्य संभालना है और हमें योग्य जनप्रतिनिधि का चयन कर देश ..?
    पर सावधान ! यहाँ भी तकदीर ( जुगाड़ तंत्र) छल करता है। इधर नकल माफिया सक्रिय हैं, तो उधर झूठे वायदे करने वाले ।

    बेहद सुंदर अंक,सभी को सुबह का प्रणाम।

    जवाब देंहटाएं
  2. आभार..
    शानदार...
    जानदार...
    मानदार...
    सादर.........

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात ....
    हमेशा की तरह सुन्दर प्रस्तुति । अनेकों शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  4. On April 2nd, your Google+ account and any Google+ pages you created will be shut down and we will begin deleting content from consumer Google+ accounts. Photos and videos from Google+ in your Album Archive and your Google+ pages will also be deleted. You can download and save your content, just make sure to do so before April. The process of deleting content from consumer Google+ accounts, Google+ Pages, and Album Archive will take a few months, and content may remain through this time.

    Google says that some features tied to Google+ will be killed off as soon as next week. on February 4th, the platform will no longer accept new profiles, pages, communities, or events. Blogger will also drop Google+ comments on this date, and that functionality will start being removed from other sites on March 7th.

    जवाब देंहटाएं
  5. सुप्रभात,
    बहुत ही शानदार रचनाओ का स्वाद दिलाने के लिए धन्यवाद।जितनी भी बार 5 लिंक पेज पर आता हूँ कुछ न कुछ सीखने को ही मिलता हैं।
    आभार।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुप्रभात

    है
    आज
    मौसम
    शोर भरा
    पतंग उड़ी
    चुनावी वादों की
    लूटेगा कौन-कौन? ....बहुत खूब आदरणीय ..लाजवाब

    बेहतरीन रचनाएं
    सुंदर अंक

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहद सुन्दर लिंक संयोजन ।

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह!!रविन्द्र जी ,बहुत सुंदर प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुंदर संकलन उम्दा शुरुआत सभी रचनाकारों को बधाई।
    यशोदा जी का परिचय संजय जी की जुबानी बहुत अच्छा लगा।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुंदर सूत्रों से सजी आज की प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी रवींद्र जी।
    सुंदर पठनीय शिक्षाप्रद रचनाओं के बीच मेरी रचना को भि स्थान देने के लिए बहुत आभारी हूँ रवीन्द्र जी।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  12. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...।

    जवाब देंहटाएं
  13. सुंदर संकलन. बहुत बहुत धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत सुंदर संयोजन
    मेरी ग़ज़ल शामिल करने हेतु बहुत बहुत आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं

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