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रविवार, 10 मई 2020

1759....इस देश की ३६५ दिनों वाली सारी अम्माओं को शत शत नमन


जय मां हाटेशवरी.....
इस मातृ दिवस पर,
हम सब की ओर से,
इस देश की ३६५ दिनों वाली सारी अम्माओं को शत शत नमन

भूख ...अनीता सुधीर
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ये
थाली
है खाली
शिशु रोता
रोटी का टोटा
माँ भूख मिटाती
नभ चाँद दिखाती।

मातृ दिवस ..विभारानी श्रीवास्तव

आपके कितने बच्चे हो गए होंगे?
माया का प्रश्न
बेहद कौतूहलवश था।
प्रीति एकता बुचिया बिटिया शाइस्ता
मुनिया चुनिया बिट्टू
अभिलाष, राहुल, संजय, रब्बान
हिमांशु..
बस! बस! रहने दें माँ..
बहू होने के पहले जान गई।
एक के आगे शून्य बढ़ाते जाना
माँ का आँचल आकाश सा होना।

तुम्ही मिटाओ मेरी उलझन .....हिन्दी कुंज

तुम्ही मिटाओ मेरी उलझन
कैसे कहूँ कि तुम कैसी हो
कोई नहीं सृष्टि में तुम-सा
माँ तुम बिलकुल माँ जैसी हो।
ब्रह्मा तो केवल रचता है
तुम तो पालन भी करती हो
शिव हरते तो सब हर लेते
तुम चुन-चुन पीड़ा हरती हो
अब मेरी पसंद की  कुछ और रचनाएं.....

चलो आज तुमको...
s400/baapu.k.aakhiri.kshan

राधा कृष्ण का प्रेम
दही मिश्री तुम्हे बुलाती है ,
बासुरी की धुन याद दिलाती है।
वन वन हम भटक रहे है,
तुम गाय चराने  आ जाओ,
राधा तुम्हारी राह देख रही है।
'

न खिड़कियाँ खुलतीं न दरवाज़े बन्द होते
यदि दुनिया कर्मयोगी होती
तो सब एक होते हैं
सब स्थितप्रज्ञ होते
न ग़म होता न ख़ुशी
विषमताएँ न होतीं
तो नीरसता ही हाथ आती
हाथ की चारों उँगलियाँ
और अँगूठा
एक जैसे होते
तो न खिड़कियाँ खुलतीं
न दरवाज़े बन्द होते

तुलसी,सूर,कबीर
My photo
गुरू बड़ा है ईश से , कहते यही कबीर।
ज्ञान ज्योति गुरु से जले , बदले जो तकदीर।।
पाखण्डों को काटते ,  ऐसे संत कबीर।
भेद भाव से मुक्त हो , मगहर तजा शरीर।।

हो एक बबूल का पेड़

पर लकड़ी है काम की उसकी
कोई भी व्यर्थ नहीं होता इस धरती पर
अच्छाई और बुराई का मेल ही है आदमी
समय की सौगात है जन्म मनुष्य का
काँटों से भरा  यह पेड़ बबूल का |



शायद ये कलियुग ही है,

हम मातृ दिवस मनाते हैं,
मां की ममता को सीमित करके,
हम हर्षित हो जाते हैं।
नहीं चाहिये मां को दिवस,
मां देख के तुम्हे, खुश होजाती है,
रूखा सूखा जो भी दोगे,
दे आशीष तुम्हे, सो जाती है.।

धन्यवाद।


10 टिप्‍पणियां:

  1. असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक बधाई आपका
    मातृ शक्ति को नमन

    सराहनीय प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  2. व्वाहहहहह
    बेहतरीन...
    मातृदिवस पर शुभकामनाएँ
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  3. उम्दा लिंक्स|
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  4. मातृ दिवस की शुभकामनाएँ
    बेहतरीन प्रस्तुति
    आभार
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर प्रस्तुति, मातृदिवस की शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. पठनीय बेहद दिलचस्प सामग्री

    हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन संकलन
    रचना को स्थान देने के लिये हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. लाजवाब प्रस्तुतीकरण उम्दा लिंक संकलन।
    मातृदिवस की शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं

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