संजीदा लोगों के लिए
पढ़िये मतलब
संजीदगी का
शुरुआत में कुछ कालजयी रचनाएँ
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आदरणीय नीरज गोस्वामी
संजीदगी, वाबस्तगी, शाइस्तगी, खुद-आगही
आसूदगी, इंसानियत, जिसमें नहीं, क्या आदमी
ये खीरगी, ये दिलबरी, ये कमसिनी, ये नाज़ुकी
दो चार दिन का खेल है, सब कुछ यहाँ पर आरिज़ी
हैवानियत हमको कभी मज़हब ने सिखलाई नहीं
हमको लड़ाता कौन है ? ये सोचना है लाजिमी
मरहूम ज़नाब नाज़िम हिक़मत
जीने के बारे में....
जीना कोई हँसी-मज़ाक नहीं,
तुम्हें पूरी संजीदगी से जीना चाहिए
मसलन, किसी गिलहरी की तरह
मेरा मतलब ज़िन्दगी से परे और उससे ऊपर
किसी भी चीज़ की तलाश किए बगैर.
मतलब जीना तुम्हारा मुकम्मल कारोबार होना चाहिए.
आदरणीय प्रभुनारायण पटेल
मेघ!
तुम तो दूत
दिलों के मामले में नामी हो,
कवि कुल गुरु से दीक्षित हो,
अंतर्यामी हो,
तुम्हारा अंतिम पड़ाव,
माधुरी दीक्षित का गाँव,
मुंबई - रूप रस की नगरिया,
तुम जरा संजीदगी से
उनकी बड़ी दीदी से कहना -
चलो, वर्षाजी !
अब भरलो गगरिया।
आदरणीय डॉ. राकेश जोशी
योजनाओं को चलाने को तुम्हारे
वो बड़े बंगले, वो दफ़्तर कब बनेंगे
आज तो संजीदगी से बात की है
अब ये सारे लोग जोकर कब बनेंगे
कब तलक कचरा रहेंगे बीनते यूं
तुम कहो, बच्चे ये अफ़सर कब बनेंगे
वो तह लगे खत,
कुछ पोस्टकार्ड, कुछ इनलैंड
और कुछ लिफाफे
किताबों के नीचे दबी यें पुरानी चिट्ठियाँ,
बड़ी संजीदगी से मानो
मैने कुछ यादों को संजोया था,
कुछ अफ़सानें बटोरे थे,
तो कुछ फ़लसफ़े खोज़ लिए थे|
....
नियमित रचनाएँ..
......
जलप्रपात सी बही रक्त प्रवाह है धमनियों में उनकी,
फिजाओं में फैलता हुआ गूंज है आवाज में उनकी।
फिर हुई हिचकी! क्या चल पड़ी हैं वो निगाहें इस ओर ?
हम तुम्हारे लिए जीते रहे
इतनी संजीदगी थी जीने में
कि दर्द भी शर्मिंदा हुआ ...
आदरणीय साधना वैद जी
सारी कायनात
जाने किस अनिर्दिष्ट
आतंक से भयभीत हो
एकदम खामोश है
संजीदगी का तुम्हारा यह
अनचीन्हा सा बाना
मेरी समझ से
नितांत परे है !
आदरणीय आशालता सक्सेना
वे नजर आते जिन्दगी की धड़कनों में
जब धड़कन तेज हो बेकाबू होने लगती
सब कहते धीरज धरो शांति से काम लो |
जब सांस की गति मंद पद जाती
कहा जाता व्यर्थ चिंता किस बात की
है यही जिन्दगी का सत्य
रिसते निरंकुशता के गहरे घाव,
उन्मुख अंबर को है ताकता,
दीप्ति-दृग,सौम्य मुख प्रादुर्भाव।
मोहतरमा संजीदगी के पैरहन में
शाम के साये में मचलती है बारहा
इन दिनों जिस भी शख़्स को
उसकी लार टपकती है बारहा
कर्महीनता दुर्योधन की ..
संजीदगी जिसने निभाई
जो संजीदा हुआ यहां
उसका मकसद उसका जीना
प्रवाह प्रकाश का हुआ यहां.
अपमान-मान-अभिमान त्यागकर
धीरता को अपनाया है
ढाल एकता का बनाकर
विषाद गंभीर मिटाया है.
वक़्त की हर गाँठ पर ....मन की उपज
संज़ीदगी
मात्र सोच में क्यों
जीने के तौर-तरीकों में
"मेरी मर्जी"
ऐसी क्यूँ
मग़रूरी है।
.....
आज का अंक यही सिमट गया
कल आ रहे हैं भाई रवीन्द्र जी
एक सौ बीसवें विषय के साथ
सादर..
बेहतरी संदर्भ अंक..
जवाब देंहटाएंसभी को शुभकामनाएँ
सादर..
सस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुतीकरण
सुप्रभातम् दी।
जवाब देंहटाएंकालजयी और समसामयिक रचनाकारोंं के सुंदर,विस्तृत विचारों का सराहनीय संकलन है यह अंक।
सभी को बहुत बधाई।
बहुत सुंदर प्रस्तुति दी।
सादर।
सुप्रभात दी
जवाब देंहटाएंउम्दा संकलन रचनाओं का |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
सुप्रभात संग नमन आपका ... साथ ही आभार आपका आज के अंक में दिए गए विषय पर कई कालजयी रचनाओं और कई इंद्रधनुषी रचनाओं के संग मेरी रचना/विचार को साझा करने के लिए ...
जवाब देंहटाएंवाह!!बहुत ही खूबसूरत संकलन ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपा ही जाते हैं मंज़िल दिन-रात साथ सफ़र करते मुसाफ़िर
जवाब देंहटाएंपर यहाँ से वहाँ, वहाँ से यहाँ रेल बेचारी भटकती है बारहा
आवारापन की खुज़ली चिपकाए बदन पर हमारे शहर की
हरेक शख़्सियत संजीदगी के लिबास में।। संजीदगी को बेहतरीन, शब्दों में उतारता सार्थक अंक👌👌 । मुश्किल विषय जो बड़े गंभीर चिंतन को जन्म देताहै। सभी रचनाकारों को बधाई। आपको शुभकामनायें हमकदम का एक और सार्थक अंक सजाने के लिए। सादर🙏🙏🙏
वाह क्या बात है सुंदर रचनाओं से परिपूर्ण लाजबाव प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण सार्थक भूमिका के साथ. सभी रचनाएँ बेहतरीन हैं. सभी रचनाकरो को बधाई.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना हम-क़दम में सम्मिलित करने के लिए सादर आभार आदरणीया यशोदा दीदी.
बहुत ही बेहतरीन रचनाओं का संकलन आज की हलचल में ! मेरी रचना को इस संकलन में स्थान देने के योग्य समझा किन शब्दों में आपका शुक्रिया करूँ शब्द कम पड़ जाते हैं ! आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार सखी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंहमकदम का बेहतरीन अंक ,बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी ,सादर नमन
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा कविता अपने पोस्ट किया है आप किसी भी प्रकार की हिंदी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि धर्म, महान लोग आदि मेरे इस वेबसाइट से Clik Here
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता है, मैं भी एक शायर हूँ, गुलज़ार साहब की शायरी पढ़े gulzar shayai
जवाब देंहटाएंThank you So much for sharing this useful information
जवाब देंहटाएंlove quotes images
Thank you So much for sharing this useful information
जवाब देंहटाएंThank you So much for sharing this useful information
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