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रविवार, 23 सितंबर 2018

1164..सपनों के चंदन वन महके चंचल पाखी मधुवन चहके

सादर अभिवादन
आज श्री गणेश जी विदा हो रहे हैं
छोटे-छोटे बच्चे चिल्ला रहे हैं
गणपति बप्पा मोरिया
बूढ़ातालाब में बोरिया....
बच्चों का बचपना है...हमने तो जी लिया
अब उन्हें भी जीने दो
चलिये चलें लिंक्स की ओर....



माँ की जलती हथेलियाँ :)...... संजय भास्कर
वर्षो से जलती रही हथेलियाँ
माँ की 
सेंकते- सेंकते रोटियां 
मेरे पहले स्कूल से लेकर आखरी कॉलेज तक  
सब याद है मुझे आज तक 




हम गर्व तो नहीं करते रह सकते। 
उसने कहा।

छर्रे की तरह 
उसका ये कहना 
चीर गया।

ओ मेरे जीवन के खेवैया
तुम हो मेरे साईं कन्हैया
तुम ही मेरे माँ-बाप भैया
नेह नाते दार तुम हो
सब के पालन हार तुम हो

अंहकार क्या है एक मादक नशा है
बार बार सेवन को उकसाता रहता है
 मादकता बार बार सर चढ बोलती है
अंहकार सर पे ताल ठोकता रहता है।

भौंचक रह गये ज्ञानी उधो
बुद्धि लगी चकराने 
भोली ग्वालिन अनपढ़ जाहिल 
कैसो ज्ञान बखाने ! 
तभी तमक कर बोली ग्वालिन 
का आये हो लेने 
मूल धन तो अक्रूर जी ले गये 
तुम आये क्या ब्याज के लाने !  

मदिर प्रीत की चाह लिये
हिय तृष्णा में भरमाई रे
जानूँ न जोगी काहे 
सुध-बुध खोई पगलाई रे

सपनों के चंदन वन महके
चंचल पाखी मधुवन चहके
चख पराग बतरस जोगी
मैं मन ही मन बौराई रे

आज बस इतना ही
फिर मिलते हैं
यशोदा



15 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर संकलन
    सस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभातम् दी:),
    बेहद सुंदर सुरुचिपूर्ण रचनाओं का संग्रह तैयार किया है आपने।
    बहुत सुंदर प्रस्तुति दी। मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए बेहद आभार।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं

  3. उड़-उड़कर पंख हुये शिथिल
    नभ अंतहीन इच्छाएँ जटिल
    हर्ष-विषाद गिन-गिन जोगी
    क्षणभर भी जी न पाई रे


    मानव जीवन से जुड़े मनोभाव पर सुंदर संकलनों वाला मनभावन अंक

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई
    बेहतरीन रचनाएं यशोदा जी

    जवाब देंहटाएं
  5. सर्व प्रथम मेरे काव्य को साझा करने के लिये आभार ...साथ ही उत्कृष्ट संकलन के लिये साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह.. एक और सुंदर संकलन के साथ आज की प्रस्तुति
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को सम्मान देने का तहेदिल से सादर आभार सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति बेहतरीन रचनाएं,सभी चयनित
    रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  9. सपनों के चन्दन वन महकते रहें
    चंचल पाखी मधुवन चहकते रहें

    हलचल में ...

    आनंददायी संकलन यशोदाजी.
    धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह! बहुत शानदार लिंकों का चयन ....

    जवाब देंहटाएं
  11. लाजवाब प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन..

    जवाब देंहटाएं
  12. सुंदर सुंदर संकलनोंवाला अंक मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए बेहद आभार।

    जवाब देंहटाएं

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