निवेदन।


फ़ॉलोअर

रविवार, 23 अक्तूबर 2016

464....कैसे नहीं हुआ जा सकता है अर्जुन बिना धनुष तीर और निशाने के

सादर अभिवादन
आज के सरदार विरम सिंह जी छुट्टी पर हैं

आज मेरी पसंद की रचनाएँ.....

काव्य....जो 2012 को बाद से बन्द है
ज़िन्दगी मुहब्बत के लिए कम है लोग नफरत में बिता देते हैं
शय ए दोस्ती को आखिर कैसे यूँ आसानी से भुला देते हैं

बहुत मुश्किल से बनती है रिश्तों में बेबाकियाँ यारों
दोस्ती को भी आजकल कितनी बेबाकी से सज़ा देते हैं



ये ज़िंदगी तो है रहमत........राहत इंदौरी
हरेक चहरे को ज़ख़्मों का आइना न कहो
ये ज़िंदगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो

न जाने कौन सी मजबूरियों का क़ैदी हो
वो साथ छोड़ गया है तो बेवफ़ा न कहो

हारती रही हर युग में सीता...साधना वैद
राम जानकी
सतयुगी आदर्श
आज भी पूज्य

न पाया सुख
सम्पूर्ण जीवन में
राजा राम न


एक चिड़िया मरी पड़ी थी...एम.वर्मा
बलखाती थी
वह हर सुबह
धूप से बतियाती थी
फिर कुमुदिनी-सी
खिल जाती थी


परिंदों का जहाँ शोर हुआ करता था.....मालती मिश्रा
अशांत और भागदौड़ भरा जीवन है नगरों का,
पहले हँसता-मुस्कुराता शांत गाँव हुआ करता था।
मुर्गे की बाँग और कोकिल के मधुर गीत संग,
सूर्योदय के स्वागत में चहल-पहल हुआ करता था।



मन साफ करे........कंचन प्रिया
करते हैं लोग साफ रेत-ईंटों की मकाँ
रखते   हैं  गंदगी  अंदर   संभाल  के

जला आतें रावण  बुराईयों  के  नाम
ले आते हैं  बुराईयाँ  दिल में डाल के


आज का ताजा शीर्षक..
जरूरी है बस 
मछली की आँख 
का सोच में होना 
खड़े खड़े रह गये 
एक जगह पर 
शेखचिल्ली की 
समझ में समय 
तब आता है जब 
बगल से निकल 
कर चला गया 
कोई धीरे धीरे 
अर्जुन हो गया है

आज्ञा दे
यशोदा
कल फिर मिलेंगे

जाते-जाते थोड़ा हँस लीजिए..

Charlie Chaplin - The Lion's Cage








5 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर रविवारीय हलचल यशोदा जी। आभारी है 'उलूक' सूत्र 'कैसे नहीं हुआ जा सकता है अर्जुन बिना
    धनुष तीर और निशाने के' को आज की हलचल में जगह देने के लिये ।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना का सम्मिलित करने हेतु बहुत-बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर हलचल आज की यशोदा जी ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार !

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...