डुग्गी
दोरंगी
चिर-संगी
माया बानगी
लोक-कथा जंगी
कठपुतली अंगी
<><><>
चै
कश्ती
अबाती
कुर्रा-ए-गीती
पुत्तलिकाओं
हत्थे खुराफाती
अय्यार पटाक्षेप
चलते-चलते एक गीत तो बनता ही है
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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आदरणीय दीदी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
एक विषय की रचनाएँ
प्रस्तुत करने में आप महारथ हैं
अच्छी प्रस्तुति बनाई आपने
साधुवाद
सादर
ढ़ेरों आशीष अशेष शुभकामनाओं संग शुभ दिवस छोटी बहना 💐😍
हटाएंजो है बस अआपका साथ है बहना
बहुत सुन्दर प्रस्तुति विभा जी । नया प्रयोग हलचल में बहुत सुन्दर है ।
जवाब देंहटाएंकठपुतलियों का नाच बहुत देखने को मिलता था बचपन में ..अब तो गायब हो गए जैसे नज़र ही नहीं आता ..
जवाब देंहटाएंफिर वे दिन याद कराती सुन्दर हलचल प्रस्तुति
Just Incredible effort yashoda ji
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