निवेदन।


फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2016

455....पुरानी बकवास नया लिबास

सादर अभिवादन...
आज सुबह से ही दीपावली सुधार के कारण

बिल्ली को बंद कर रखा गया था
अभी आई है.....बेबस थी मैं बिल्ली के बगैर
चलिए चलें  अब और देर नहीं ,,,


अ ब स.... विभा रानी श्रीवास्तव
देखते देखते ... 
पढ़ते लिखते ... 
पल पल गुजरते ... 
पाँच साल गुजर गये ... 
ब्लॉग जगत में आये ....
सीखने की उम्र तैय नहीं होती ... 



अश्रु है...विजय लक्ष्मी
उलझे मन की पीड़ा का सार अश्रु हैं ,,
ईश्वरीय तारतम्य का विस्तार अश्रु हैं 
सत्य की जीत ,,झूठ की हार अश्रु है 
समर्पित प्रेम-प्रीत संग व्यवहार अश्रु है ||



उम्मीदों का संसार... मुकेश सिन्हा
"लो मीडियम इनकम ग्रुप" के लोग
मतलब इतनी सी आमदनी
कि, बस पेट ही भर सके
पर है, चाहत यह भी कि
रख सके एकाध निवाले शेष



जख़्म खिलने लगे हैं आजकल.........कंचन प्रिया
जख़्म खिलने लगे हैं आजकल
खुल के मिलने लगे हैं आजकल

जैैसे जन्मों का इनसे रिश्ता हो
अपने लगने लगे हैं आजकल




पुरानी बकवास नया लिबास
भले लोग 
बात करने 
में अपनी 
मानसिकता 
का परिचय 
जरूर 
दे जाते हैं 
बता जाते हैं 
....
गिनती सीख गई हूँ
बस पाँच तक

फिर मिलती हूँ
यशोदा





8 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    सादर प्रणाम
    बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सस्नेहाशीष संग सुप्रभात छोटी बहना
    आभार आपका

    जवाब देंहटाएं
  3. बढ़िया प्रस्तुति यशोदा जी । आभार 'उलूक' की 'नये लिबास में एक पुरानी बकवास' को जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  4. गिनती सीख गयी हूँ, बस पञ्च तक।
    वाह!

    जवाब देंहटाएं
  5. गिनती सीख गयी हूँ, बस पञ्च तक।
    वाह!

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...