मे भी चला जाएगा
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बुधवार, 4 मई 2016
292....बन्ध जाते ख्वाहिशों के रेशमी सूत में.
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7 टिप्पणियां:
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सुन्दर चयनित मोती ।
जवाब देंहटाएंBahut badhiya link..
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक सुन्दर लिंक! साभार!
जवाब देंहटाएंभारतीय साहित्य एवं संस्कृति
बहुत सुन्दर सूत्र एवं स्तरीय रचनाएं ! आज के चयनित सूत्रों में मेरी रचना 'पिघलती शाम' को सम्मिलित करने के लिये आपका बहुत-बहुत आभार दिग्विजय जी ! धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
बढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह!
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