सादर अभिवादन
आज से पाँच दिन
मेरा है सिर्फ..मेरा,,
भाई कुलदीप
प्रशिक्षण लेने प्रवास पर हैं
विरंम भाई ने आँखें नही खोली
अब तक
और संजय जी
व्यस्त हैं
आज को आनन्द का आगाज एक देशगीत से
शैल रचना...शैल सिंह
कहीं लग न जाये आग घर के चराग़ से
खा न जाएँ मात जयचन्दों के जमात से
वहशी आँधियाँ बहा न लें अपने मिज़ाज से
जागो नौजवानों देश के,अबेर न हो जाये
भरके जोश-ज़िस्म खूने-जुनूँ देर न हो जाये ,
दादा भाई नारौजी गरीब परिवार से थे उस पर सिर्फ चार साल की उम्र में उनके पिता की मृत्यु के पश्चात उनकी माँ ने उन्हें कैसे पाला होगा इसका सिर्फ अंदाज ही लगाया जा सकता है। हमारे पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद बेहद साधारण परिवार से थे। लाल बहादुर शास्त्री को कौन नहीं जानता, पैसों की कमी की वजह से कई बार वे तैर कर नदी पार कर पढ़ने जाते थे। हमारे सबसे लायक राष्ट्रपति कलाम साहब को बचपन में अखबार का वितरण करना पड़ा था। ऐसे नाम कम नहीं हैं सरदार पटेल, गोपाल कृष्ण गोखले, जगजीवन राम, कामराज जैसे नेताओं का जन्म साधारण परिवारों में हुआ बचपन अभावों में बीता पर उन्होंने अपनी लियाकत से देश और अपना नाम ऊंचा किया
दादी हमारा इंतजार किस शिद्दत से करती थीं ये हम इसी तरह जान पाते थे कि उन्हें बाँहों में भरकर प्यार करना आता नहीं था, वो बस चुपके चुपके ख्याल रखते हुए प्यार करना जानती थीं. हमारे इंतजार में वो तरह तरह के अनाज को भाड में भुंजवा के रखा करती थीं. ज्वार, बाजरा, चना, लाई, मूंग, गेंहू, जुंडी और न जाने क्या क्या...सारा दिन मुंह चलता रहता था.
सुप्रभात बहुत सुंदर लिंकों का सार्थक संयोजन। रचनाकार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ। मैंने भी 15 August Status or Independence DAy Status with Images पर लिखा है. पसंद आये तो जरूर पढ़े. कृपया मुझे भी पढ़े व अच्छा लगे तो follow करे मेरा blog है Inspiringbyte.
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Suprabhat,
जवाब देंहटाएंBadhiya link..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
जवाब देंहटाएंBahut sundar links..meri rachna shamil karne ke liye aabahr aur dhnyawad
जवाब देंहटाएंbahut achha laga ,panch linkon ka anand mein apane meri rachana ko sthan diya .lag raha hai mujhe vistar mil gaya ,aage bhi shamil karate rahiyega
जवाब देंहटाएंपनघट
जवाब देंहटाएंतूं चल पनघट में तेरे पीछे पीछे आता हूँ
देखूं भीगा तन तेरा ख्वाब यह सजाता हूँ
मटक मटक चले लेकर तू जलभरी गगरी
नाचे मेरे मन मौर हरपल आस लगाता हूँ
जब जब भीगे चोली तेरी भीगे चुनरिया
बरसों पतझड़ रहा मन हरजाई ललचाता हूँ
लचक लचक कमरिया तेरी नागिनरूपी बाल
आह: हसरत ना रह जाये दिल थाम जाता हूँ
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंकों का सार्थक संयोजन। रचनाकार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।
मैंने भी 15 August Status or Independence DAy Status with Images पर लिखा है. पसंद आये तो जरूर पढ़े.
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