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गुरुवार, 19 मई 2016
307.....खुदा वाली चिठ्ठी..!!
11 टिप्पणियां:
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प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
आदरणीय गुरुजनों और मित्रो ;
जवाब देंहटाएंनमस्कार ;
मैं आपके पढने के लिए अपना आलेख “ शिष्टाचार “ भेज रहा हूँ .
हमारे जीवन में शिष्टाचार का अत्याधिक महत्व है . शिष्टाचार की वजह से हमें सभ्य समाज का एक हिस्सा समझा जाता है . मैंने इसी विषय को केंद्र बनाकर एक आलेख लिखा है. मुझे उम्मीद है कि मेरी ये छोटी सी कोशिश आप सभी को जरुर पसंद आएँगी.
आलेख का लिंक है : http://storiesbyvijay.blogspot.in/2016/05/blog-post_18.html
दोस्तों ; ये आलेख कैसा बन पढ़ा है, पढ़कर बताईये, कृपया अपने भावपूर्ण कमेंट से इस आलेख के बारे में लिखिए और मेरा हौसला बढाए । कृपया अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा. आपकी राय मुझे हमेशा कुछ नया लिखने की प्रेरणा देती है और आपकी राय निश्चिंत ही मेरे लिए अमूल्य निधि है.
आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेंगा
आपका बहुत आभार और धन्यवाद.
आपका अपना
विजय कुमार
Email : vksappatti@gmail.com
मेरे आलेख को शामिल करने के लिए आपका दिल से शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंप्रणाम
विजय
हमेशा की तरह एक बढ़िया प्रस्तुति यशोदा जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंअति सुंदर....
जवाब देंहटाएंमुझे जगह देने के लिए ढेर सारा आभार दी..😊😘
जवाब देंहटाएंसादर!!
वाह...
जवाब देंहटाएंसादर..
हकीकत से रूबरू MJ Raju की कलम से
जवाब देंहटाएं...............
1 हल्की हल्की बारिश हो रही है गरीब किसान अपने खैत में पैड़ के नीचे बैठा है हाथ में कुदाल है रोटीयां कपड़े में लिपटी है लहलहाती फसल को यकटक देख रहा है बहूत खुश है .फसल अच्छी जो थी .
2 रेडियो पर खबर चल रही है हर जगह एक ही नारा है कांग्रेस मुक्त भारत होगा.मोदी जी की लहर चल गई .हर जगर शौर है पटाखे जलाऐ जा रहे हैं मिठाईयां बांटी जा रही है
1 किसान सोच रहा था की इस साल अगर फसल अच्छी हुई तो बेटियों की शादी करूंगा बेटे को पढाउंगा सारा कर्ज चुका दुंगा गरीबी खतम होगी और हमारे भी अच्छे दिन आऐंगे
2 भाषणों का दौर शुरू हो चुका है किसी खैमे में खुशी है तो कहीं सन्नाटा पसरा है आरोप लगाऐ जा रहै हैं मंथन शुरू हो चुका है
1 बादलो की गड़गड़ाहट के बीच किसान का कलेजा हिल जाता है अगर हल्की सी ज्यादा बारिश हुई या तेज हवा चली तो सारे सपने टूट जाऐंगे फिर पिछली बार की तरह कौई खबर नहीं लेगा कर्जा भी तो जीने नहीं देगा...
2 अगले चुनाव के लिऐ रणनीतियां बनाई जा रही है बधाईयां दी जा रही है शपथ की तैयारी हो रही है मंच सजाऐ जा चुके हैं..
1 अचानक हल्का सा तुफान आता है और किसान की सारी फसल बरबाद किसान की आंखों मे आंसू हैं की अब कर्ज कैसे चुकाउंगा भारी मन से इसी पैड़ पर गले मे मफलर डाल लटक जाता है
2 शपथ के बाद नेता जी का पहला भाषण शुरू हो चुका है ...
में शपथ लेता हूं की में गरीबो के हक के लिऐ लड़ूंगा जो साठ सालों मे नहीं हुआ वो हम करेंगे हम कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करेंगे हम रोजगार देंगे. किसानों का कर्ज माफ करने के बारे मे विचार करेंगे "अच्छे दिन आऐंगे "
..
काश, कांग्रेस मुक्त भारत की जगह गरीबी मुक्त भारत का नारा होता ...
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कुछ समझ में आया तो शेयर कीजिऐगा ....
हकीकत से रूबरू MJ Raju की कलम से
जवाब देंहटाएं...............
1 हल्की हल्की बारिश हो रही है गरीब किसान अपने खैत में पैड़ के नीचे बैठा है हाथ में कुदाल है रोटीयां कपड़े में लिपटी है लहलहाती फसल को यकटक देख रहा है बहूत खुश है .फसल अच्छी जो थी .
2 रेडियो पर खबर चल रही है हर जगह एक ही नारा है कांग्रेस मुक्त भारत होगा.मोदी जी की लहर चल गई .हर जगर शौर है पटाखे जलाऐ जा रहे हैं मिठाईयां बांटी जा रही है
1 किसान सोच रहा था की इस साल अगर फसल अच्छी हुई तो बेटियों की शादी करूंगा बेटे को पढाउंगा सारा कर्ज चुका दुंगा गरीबी खतम होगी और हमारे भी अच्छे दिन आऐंगे
2 भाषणों का दौर शुरू हो चुका है किसी खैमे में खुशी है तो कहीं सन्नाटा पसरा है आरोप लगाऐ जा रहै हैं मंथन शुरू हो चुका है
1 बादलो की गड़गड़ाहट के बीच किसान का कलेजा हिल जाता है अगर हल्की सी ज्यादा बारिश हुई या तेज हवा चली तो सारे सपने टूट जाऐंगे फिर पिछली बार की तरह कौई खबर नहीं लेगा कर्जा भी तो जीने नहीं देगा...
2 अगले चुनाव के लिऐ रणनीतियां बनाई जा रही है बधाईयां दी जा रही है शपथ की तैयारी हो रही है मंच सजाऐ जा चुके हैं..
1 अचानक हल्का सा तुफान आता है और किसान की सारी फसल बरबाद किसान की आंखों मे आंसू हैं की अब कर्ज कैसे चुकाउंगा भारी मन से इसी पैड़ पर गले मे मफलर डाल लटक जाता है
2 शपथ के बाद नेता जी का पहला भाषण शुरू हो चुका है ...
में शपथ लेता हूं की में गरीबो के हक के लिऐ लड़ूंगा जो साठ सालों मे नहीं हुआ वो हम करेंगे हम कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करेंगे हम रोजगार देंगे. किसानों का कर्ज माफ करने के बारे मे विचार करेंगे "अच्छे दिन आऐंगे "
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काश, कांग्रेस मुक्त भारत की जगह गरीबी मुक्त भारत का नारा होता ...
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1 हल्की हल्की बारिश हो रही है गरीब किसान अपने खैत में पैड़ के नीचे बैठा है हाथ में कुदाल है रोटीयां कपड़े में लिपटी है लहलहाती फसल को यकटक देख रहा है बहूत खुश है .फसल अच्छी जो थी .
2 रेडियो पर खबर चल रही है हर जगह एक ही नारा है कांग्रेस मुक्त भारत होगा.मोदी जी की लहर चल गई .हर जगर शौर है पटाखे जलाऐ जा रहे हैं मिठाईयां बांटी जा रही है
1 किसान सोच रहा था की इस साल अगर फसल अच्छी हुई तो बेटियों की शादी करूंगा बेटे को पढाउंगा सारा कर्ज चुका दुंगा गरीबी खतम होगी और हमारे भी अच्छे दिन आऐंगे
2 भाषणों का दौर शुरू हो चुका है किसी खैमे में खुशी है तो कहीं सन्नाटा पसरा है आरोप लगाऐ जा रहै हैं मंथन शुरू हो चुका है
1 बादलो की गड़गड़ाहट के बीच किसान का कलेजा हिल जाता है अगर हल्की सी ज्यादा बारिश हुई या तेज हवा चली तो सारे सपने टूट जाऐंगे फिर पिछली बार की तरह कौई खबर नहीं लेगा कर्जा भी तो जीने नहीं देगा...
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1 अचानक हल्का सा तुफान आता है और किसान की सारी फसल बरबाद किसान की आंखों मे आंसू हैं की अब कर्ज कैसे चुकाउंगा भारी मन से इसी पैड़ पर गले मे मफलर डाल लटक जाता है
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में शपथ लेता हूं की में गरीबो के हक के लिऐ लड़ूंगा जो साठ सालों मे नहीं हुआ वो हम करेंगे हम कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करेंगे हम रोजगार देंगे. किसानों का कर्ज माफ करने के बारे मे विचार करेंगे "अच्छे दिन आऐंगे "
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सुन्दर प्रस्तुति
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