ये है आज की शीर्षक रचना का अंश
उल्लूक टाईम्स में....सुशील कुमार जोशी
तलवार होते हैं
सच्चे होते हैं
ना खुदा के होते हैं
ना भगवान के होते हैं
ना दीन के होते हैं
ना ईमान के होते हैं
बहुत बड़ी बात होती है
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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आज की सुन्दर हलचल में 'उलूक' के सूत्र 'कविता और छंद से ही कहना आये जरूरी नहीं है कुछ कहने के लिये जरूरी कुछ उदगार होते हैं' को शीर्षक सूत्र की जगह देने के लिये आभार यशोदा जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया प्रस्तुति उम्दा सूत्रो के साथ.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद.
बेहतरीन प्रस्तुति धन्यवाद यशोदाजी
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक संयोजन आभार
जवाब देंहटाएंसुंदर पांच रचनाओं का चयन। मेरी रचना को स्थान देने का आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
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