सादर
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रविवार, 26 जून 2022
3436 ...नेता अपनी पार्टी के प्रति ही वफादार नहीं होते
8 टिप्पणियां:
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बहन यशोदा अग्रवाल जी!
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट का लिंक पाँच लिंकों में शामिल करने के लिए
आपका आभार।
शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य प्रस्तुतिकरण हेतु साधुवाद
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर चयन । सभी लिंक्स तक पहुँचाने के लिए आभार । राजनीति अब जनता के लिए नहीं है बस अपने अस्तित्त्व को बचाने की लड़ाई बन कर राह गयी है ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सराहनीय तथा पठनीय अंक। आभार दीदी ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचनाओं का संकलन....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंराजनीति मे आरोप-प्रत्यारोप सत्तर सालो से चल रहा है और सात सौ सालो तक चलता रहेगा । इसमे कुछ नही बदलने वाला है । मेरी पोस्ट चर्चा मे शामिल करने के लिए धन्यवाद ।
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