निवेदन।


फ़ॉलोअर

बुधवार, 8 जून 2022

3422..सरहद पर हो शंखनाद..

 ।।प्रातः वंदन ।।

जब कपोलगुलाब पर शिशु प्रात के

सूखते नक्षत्र जल के बिन्दु से;

            रश्मियों की कनक धारा में नहा,

मुकुल हँसते मोतियों का अर्घ्य दे;

            स्वप्न शाला में यवनिका डाल जो

तब दृगों को खोलता वह कौन स्वप्न

महादेवी वर्मा

हँसते मोतियों को अर्ध्य दें..इन्हीं सुकोमल पंक्तियों के बीच कुछ पल बिताइए  चुनिंदा लिंकों पर...✍️

➖➖

रंजिश

सदियों बाद भी रंजिशें कम ना थी इश्क खुमारी बीच l
दरिया तेजाब का बहता रहा हर दफा शुष्क आँखों बीच ll

उलझता रहा अपने ही इश्क के रंगीन हसीन ख्यालों बीच l
मोहलत कभी माँग लाता साँसों की अधजली फ़िज़ाओं बीच ll



➖➖



"पाकिस्तान मेल " खुशवंत सिंह की लिखी यह किताब  बहुत रोचक ढंग से लिखी गई है  ,बंटवारे पर लिखी यह किताब की शुरुआत 1947 की गर्मियों से शुरू होती है और..

➖➖

तुमको पाती प्रिये....

तुमको पाती प्रिये, मैं कहाँ से लिखूँ ?
किसी ने मेरी, लेखनी छीन ली।

मेघ सुधियों के बेरुत  बरसने लगे,
ताल नयनों का बरबस छ्लकने लगा !
भीगने से डरी, मेरी निंदिया परी,
हर निशा, जागरण का महोत्सव हुआ।

➖➖

धर्म : विभा रानीश्री

"हम पशुपतिनाथ मन्दिर जा रहे हैं। क्या आप भी चलेंगे?" अख़्तर से रवि ने पूछा।

नेपाल भारत साहित्य महोत्सव में भारत से आये प्रतिभागी नेपाल दर्शन को निकले थे।

"मन्दिर के प्रवेश द्वार पर 'गैर हिन्दू का प्रवेश वर्जित' है का बोर्ड लगा हुआ है!" प्रदीप ने कहा

➖➖


एक देशगान -हर बच्चा गोरा -बादल हो


फिर सरहद पर

हो शंखनाद

तुरही, नक्कारा, मादल हो.

इस भारत माँ 

की मिट्टी में

हर बच्चा गोरा -बादल हो...

➖➖

।। इति शम।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️


11 टिप्‍पणियां:

  1. असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
    श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बहुत धन्यवाद मुझे इसमें शामिल करने के लिए

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन लिंक्स का चयन ।
    महादेवी वर्मा जी की कविता से प्रारम्भ कर मेरा दिन बना दिया ।
    सस्नेह ।

    जवाब देंहटाएं
  4. अद्भुत संकलन आज का! आभार और बधाई!!!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुंदर पंक्तियों से अंक का प्रारंभ। अत्यंत खूबसूरत रचनाओं के बीच मेरी रचना को स्थान देने हेतु सादर आभार आदरणीया पम्मी जी।

    जवाब देंहटाएं
  6. हार्दिक आभार आपका 8जून को सालगिरह थी व्यस्त था काशी में विलम्ब के लिए क्षमा. सादर अभिवादन

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...