आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।
ये जिंदगी भी तो गुज़र रही है तेरे बिनाहाँ कुछ यादें साथ चलती हैं ... जैसे चलता है तारों का कारवाँ लम्हों के अनगिनत जुगनू ... जलते बुझते हैं सफ़र मेंपर साथ नहीं देते जैसे समय भी नहीं देता साथ
जिन्दगी भी कई बार
अदरक इलायची वाली
चाय बन जाती है
जिसमें मिठास छोड़
सब कुछ सन्तुलन में है ।
मैंने मुद्दत से नहीं बता पाया मैं किसी कोदिल की ऐसी कोई बात जिसे सुन चुप्पी लग जाएमुद्दत से करता रहा हूँ उपरोक्त सभी काम मगर मुद्दत से नहीं किया एक भी काम जैसा करना चाहिए था मुझे
'पट्टा तेरे गले में है, जिसकी डोर तेरे मालिक के पास है। मतलब गुलाम तो तुम हुए ना?'' ''वास्तविकता कुछ और ही है मेरे दोस्त! हर चीज जैसी दिखती है, वैसी नहीं रहती। मालिक तो उसे कहते है न जो अपनी मर्जी चलाता हो!” ''हाँ...तो?''
और चलते-चलते
--------आज के लिए बस इतना हीकल का विशेष अंक लेकर आ रही हैंप्रिय विभा दी।------
जिन्दगी भी कई बार
अदरक इलायची वाली
चाय बन जाती है
जिसमें मिठास छोड़
सब कुछ सन्तुलन में है ।
सुंदर संगीतमय अंक
जवाब देंहटाएंके के को अश्रुपूरित नमन
सादर..
बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति श्वेता जी ! आज के अंक में मेरे सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार । लोकप्रिय गायक के.के. को नम हृदय से नमन ।
जवाब देंहटाएंके के को विनम्र श्रद्धांजलि। मेरी रचना को पांच लिंको का आनंद में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, स्वेता दी।
जवाब देंहटाएंके के का यूं अचानक चले जाना सभी को अंदर से दुखी कर गया ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीतमय, श्रमसाध्य संकलन प्रिय श्वेता जी । आपको बहुत शुभकामनाएं।
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंके.के को विनम्र श्रद्धांजलि
दुःखद ! संगीत जगत कि अनमोल क्षति ।
जवाब देंहटाएंमहान संगीतकार को नमन! सुंदर प्रस्तुति का आभार!!!
जवाब देंहटाएंमधुर गायक KK का अकस्मात जाना वाकई दुखद है
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि
भावुक कर देने वाली भूमिका और केके द्वारा गाये गीतों का चयन मन को छू गया.
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन
सभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
मधुर गायक के के को विनम्र श्रद्धांजलि । सच ही इस गायक का बहुत नाम नहीं सुना था , हाँलांकि कुछ मधुर गीत ज़रूर सुने थे । आज एक साथ इतने गीत सुन मन आनंदित हुआ । गीतों का अच्छा चयन है ।।
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति में संकलित लिंक्स भी अच्छे हैं ।
अच्छी प्रस्तुति।
एक सुरीले गायक का इतना दर्दनाक अन्त वो भी अपने चाहने वालों के बीच में,बहुत दुखद है।दिवंगत के के को सादर श्रद्धांजलि।हालांकि पुराने गाने मेरी पसंद हैं पर के के के कई गीत मुझे बहुत अच्छे लगते हैं।एक दैदीप्यमान व्यक्तित्व का असमय अस्त हो जाना संगीत जगत के लिए बहुत बड़ी हानि है। उन्हीं को समर्पित ये प्रस्तुति मन को छू गई।सभी रचनाएँ भी बहुत सुन्दर और भावपूर्ण हैं।हार्दिक आभार प्रिय श्वेता श्रमसाध्य अंक के लिए।
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