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शुक्रवार, 3 जून 2022

3413....मैंने दिल से कहा......

 शुक्रवारीय अंक में 
आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।

नाम गुम जायेगा चेहरा ये बदल जायेगा
मेरी आवाज़ ही पहचान है गर याद रहे....

आप में शायद बहुत कम लोगों ने इस गायक का नाम सुना हो ,शायद गाने भी न के बराबर ही सुना हो क्योंकि आधुनिक चित्रपट संगीत कर्णप्रिय नहीं कानफोड़ू है ऐसा अक़्सर लोगों को कहते सुना है पर सभी गाने या गायक ऐसे नहीं हैं।  युवाओं में लोकप्रिय  के. के( कृष्णकुमार कुन्नथ) के नाम से  प्रसिद्ध इस गायक को, गीतों को अपनी आवाज़ देकर रूहानी एहसास पैदा करने का हुनर बखूबी आता था। अपनी आवाज़ से दिलों में अमिट छाप छोड़ने वाले पार्श्व गायक के.के का नाचते-गाते अचानक से हमेशा के लिए अलविदा कह जाना ,फिर से एक बार इस कथन को साबित करता है कि Life is unpredictable.
इसलिए जीवन का हर क्षण का आनंद लें और इस प्रकार जीऐ कि यही पल आख़िरी है।
आइये कलाकार को सम्मान दें, हम सब मिलकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करें और आज के अंक की विशेष रचनाओं के साथ के.के की आवाज़ में कुछ गाने सुनें।

सबसे पहले एक गीत जो मुझे बहुत प्रिय-




स्मृतियों के उजले वादे 
सुबह-सुबह ही आते 
भरे जलाशय शाम तलक 
मन के सूखे जाते 

आशाओं के बाग खिले जब  
यादें टपकी जेठ मास में-----




ये जिंदगी भी तो गुज़र रही है तेरे बिना
हाँ कुछ यादें साथ चलती हैं ... जैसे चलता है तारों का कारवाँ  
लम्हों के अनगिनत जुगनू ... जलते बुझते हैं सफ़र में
पर साथ नहीं देते जैसे समय भी नहीं देता साथ




जिन्दगी भी कई बार

 अदरक इलायची वाली

चाय बन जाती है 

जिसमें मिठास छोड़

सब कुछ सन्तुलन में है । 






मैंने मुद्दत से नहीं बता पाया मैं किसी को
दिल की ऐसी कोई बात जिसे सुन चुप्पी लग जाए
मुद्दत से करता रहा हूँ उपरोक्त सभी काम 
मगर मुद्दत से नहीं किया एक भी काम 
जैसा करना चाहिए था मुझे 

'पट्टा तेरे गले में है, जिसकी डोर तेरे मालिक के पास है। मतलब गुलाम तो तुम हुए ना?'' 
''वास्तविकता कुछ और ही है मेरे दोस्त! हर चीज जैसी दिखती है, वैसी नहीं रहती। मालिक तो उसे कहते है न जो अपनी मर्जी चलाता हो!” 
''हाँ...तो?'' 

और चलते-चलते

--------
आज के लिए बस इतना  ही
कल का विशेष अंक लेकर आ रही हैं
प्रिय विभा दी।
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11 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर संगीतमय अंक
    के के को अश्रुपूरित नमन
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति श्वेता जी ! आज के अंक में मेरे सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार । लोकप्रिय गायक के.के. को नम हृदय से नमन ।

    जवाब देंहटाएं
  3. के के को विनम्र श्रद्धांजलि। मेरी रचना को पांच लिंको का आनंद में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, स्वेता दी।

    जवाब देंहटाएं
  4. के के का यूं अचानक चले जाना सभी को अंदर से दुखी कर गया ।
    बहुत सुंदर गीतमय, श्रमसाध्य संकलन प्रिय श्वेता जी । आपको बहुत शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति
    के.के को विनम्र श्रद्धांजलि

    जवाब देंहटाएं
  6. दुःखद ! संगीत जगत कि अनमोल क्षति ।

    जवाब देंहटाएं
  7. महान संगीतकार को नमन! सुंदर प्रस्तुति का आभार!!!

    जवाब देंहटाएं
  8. मधुर गायक KK का अकस्मात जाना वाकई दुखद है
    विनम्र श्रद्धांजलि

    जवाब देंहटाएं
  9. भावुक कर देने वाली भूमिका और केके द्वारा गाये गीतों का चयन मन को छू गया.
    सुंदर संकलन
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार

    जवाब देंहटाएं
  10. मधुर गायक के के को विनम्र श्रद्धांजलि । सच ही इस गायक का बहुत नाम नहीं सुना था , हाँलांकि कुछ मधुर गीत ज़रूर सुने थे । आज एक साथ इतने गीत सुन मन आनंदित हुआ । गीतों का अच्छा चयन है ।।
    प्रस्तुति में संकलित लिंक्स भी अच्छे हैं ।
    अच्छी प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  11. एक सुरीले गायक का इतना दर्दनाक अन्त वो भी अपने चाहने वालों के बीच में,बहुत दुखद है।दिवंगत के के को सादर श्रद्धांजलि।हालांकि पुराने गाने मेरी पसंद हैं पर के के के कई गीत मुझे बहुत अच्छे लगते हैं।एक दैदीप्यमान व्यक्तित्व का असमय अस्त हो जाना संगीत जगत के लिए बहुत बड़ी हानि है। उन्हीं को समर्पित ये प्रस्तुति मन को छू गई।सभी रचनाएँ भी बहुत सुन्दर और भावपूर्ण हैं।हार्दिक आभार प्रिय श्वेता श्रमसाध्य अंक के लिए।

    जवाब देंहटाएं

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