आज अतिक्रमण हो गया
बस अब और नहीं
सादर
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ढाई अक्षर पर दुनिया कायम है
जवाब देंहटाएंप्रेम भी है
शब्द भी है... और
पत्नी भी है
सादर..
वाह
हटाएंसुप्रभात! पठनीय और विविधता पूर्ण रचनाओं के लिंक्स, बहुत बहुत आभार यशोदा जी, मुझे भी आज के अंक में शामिल करने हेतु !
जवाब देंहटाएंअतिक्रमण भी सार्थक हुआ ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज की हलचल ! मेरी रचना को भी स्थान दिया आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
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