शीर्षक पंक्ति: आदरणीय दिगंबर नासवा जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
गुरुवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।
श्रद्धांजलि!
तमिलनाडु में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में देश के प्रथम चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (देश की तीनों सेनाओं के प्रमुख ) जनरल विपिन रावत,उनकी जीवनसंगनी व 11 अन्य सैनिकों का दुःखद निधन हो गया.
हादसे की ख़बर से देश गहरे सदमे में डूब गया!
शहीदों को पाँच लिंकों का आनन्द परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!
आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-
लगता है अपने आप के हम भी नहीं रहे ...
चिंगारियाँ सुलगने लगी हैं दबी-दबी,
कह दो हवा से आज जहाँ है वहीँ रहे.
रिश्तों की आढ़ ले के किसी को न बाँधना,
दिल में तमाम उम्र रहे, वो कहीं रहे.
सबने बिना मांगे
कुछ-न-कुछ दिया,
मैंने आदमी से माँगा,
उसने कहा,
‘मेरे पास इतना कहाँ है
कि तुम्हें कुछ दे सकूं.’
चीर वक्ष काली रैना का
अरुणोदय प्राची रसरंग ।
धरनी का श्रृंगार किया
ले इंद्रधनुष के सातों रंग ।।
ये आशा है, जिज्ञासा है
ये उसके जीवन का प्रण।।
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आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे अगले गुरुवार।
अश्रुपूरित श्रद्धा सुमन..
जवाब देंहटाएंचिंगारियाँ सुलगने लगी हैं दबी-दबी,
कह दो हवा से आज जहाँ है वहीँ रहे.
आभार फौजी
आपका ऋण नहीं चुका सकते हम
सादर
अपने सर्वोच कमांडर और साथियों के अकस्मात् वलोक गमन पर स्तब्ध हूँ सभी वीर आत्माओं को विनम्र श्रधांजलि.
जवाब देंहटाएंमरी पांच लिकों के माध्यम से मेरी श्रधा पाती
राष्ट्र का सरताज गया है
उत्तराखंड का लाल गया है
गम बहुत है जाने का पर !
प्रेणा का साज नहीं गया है।
https://adigshabdonkapehara.blogspot.com
एक वीर सैनिक की शहादत से पूरा राष्ट्र सदमें में है, अपने सर्वोच्च कमांडर को मेरा सादर नमन 👏👏💐💐
जवाब देंहटाएंसुंदर सराहनीय अंक, मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार,सादर शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।