।। उषा स्वस्ति।।
अरुणिमा आते ही देखो,
विहग वृन्द उड़ान भरते,
शक्ति पंखों में समेटे,
नाप लेते दिशा चारों।
अब उठो कुंठा बुहारो।
डॉ.मृदुल कीर्ति
आइए एक बार फिर साहित्यिक कृतियों से परिचित होतें हैं क्योंकि यहाँ सब्ज़ ज़मीं सा ख़्यालत मुस्कुराते है..✍️
गीत हम धड़कनों पे सुना दें उधर ।
तुम चले आना दिल जब भी मचले तेरा,
खोल देंगे मुहब्बत से अपना जिगर ।
हक मुहब्बत का हमने अदा कर दिया,
🏵️
मोतीहारी वाले मिसिर जी की चार
कविता लिखा कर
सो जा मोहन प्यारे!
जागा मत कर
सोये-सोये कविता लिखा कर ।
गीतकार है
तो प्रेम के गीत लिख
कोई कितने भी जड़ता रहे तड़ातड़ तमाचे
प्रतिक्रिया मत कर
खिलखिलाकर हँसा कर
🏵️
बेहतरीन अंक..
जवाब देंहटाएंजोश जगाती
होश उड़ाती रचनाएँ
सादर..
बहुत ही उम्दा बाद शानदार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंलड़की हूं लड़ सकती हूं तो बहुत ही लाजवाब है..! 😃
आभार🙏🙏🙏
बेहतरीन हलचल। 👌👌👌 सभी लिंक्स उम्दा ।
जवाब देंहटाएंसुंदर सारगर्भित सूत्रों का चयन ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीया।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति आदरणीय !!
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