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शनिवार, 25 दिसंबर 2021

3253 क्रिसमस-अटल बिहारी वाजपेयी की जयन्ती

महीना दिनों में पोस्टकार्ड,अंतर्देशीय, लिफाफा में अपनों की खबर मिलती थी। नाव की यात्रा रोचक के संग डरावनी भी होती थी। बाढ़ के दिनों ट्रेन की यात्रा भगवान ही मालिक ।

हवाईजहाज दिख जाए तो झुमना शुरू। कल्पना करती थी कि अन्दर कैसा होता होगा।

मनुष्य विज्ञान का सहारा लेता गया••• आज जूम, स्ट्रीमयार्ड, गूगलमिट जैसे अनेक लिंक के माध्यम से झरोखे में पूरा विश्व उपस्थित है••

भूमिका से कुछ समझ सकें हों तो जगत का भला हो


हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...

गोलू, सोनू छोड़ो असमंजस
आया है भाई हैप्पी क्रिसमस
लो आई मस्ती की बहार
मांगो क्या चाहिए उपहार
किस उधेड़-बुन में गए फंस
आया है भाई हैप्पी क्रिसमस
बहुत सारे लोग क्रिसमस ट्री पर रिबन, गिफ्ट और लाइट लगाकर
इसको अच्छे से सजाते है तो कुछ लोग ट्री पर घंटी भी टांगते हैं।
फेंगशुई के अनुसार घंटी की आवाज बहुत ही असरदार होती है
और इससे बुरी आत्मा और नेगेटिव एनर्जी दूर भागती है...

अटल बिहारी वाजपेयी
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी को आगे बढ़ाने वाले नेता अटल बिहारी वाजपेयी का 25 दिसंबर 2021 को 97 वीं जयंती मनाई जा रही है। वो एक पत्रकार, कवि, राजनेता और मिलनसार व्यक्तित्व के शख्स थे।16 अगस्त 2018 को उनका निधन लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में हो गया था। राजनीति में कुछ नेता ऐसे हैं जिनकी बातें अभी तक लोगों के मानस पटल पर छाई हैं, और अटल जी उनमें से एक हैं। अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री थे जिनकी विपक्षी दलों के नेता भी कद्र करते हैं।

उन्हें पढ़ने-लिखने, सिनेमा देखने, यात्राएं करने का हमेशा शौक रहा। उन्होंने अपने जीवन में कई किताबें लिखीं। मृत्यु या हत्या, कैदी कविराय की कुण्डलियां, संसद में तीन दशक, कुछ लेख: कुछ भाषण, सेक्युलर वाद, राजनीति की रपटीली राहें, संकल्प काल, शक्ति से शांति, क्या खोया क्या पाया, बिन्दु बिन्दु विचार, अमर आग है, उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएं हैं। इसके अलावा उन्होंने इंडियाज़ फॉरेन पॉलिसी: न्यू डायमेंशन (1977), असम प्रोब्लम: रिप्रेशन नो सॉल्यूशन (1981) व नेशनल इंटीग्रेशन (1961) जैसे किताबें भी लिखी।


ब्लॉग जगत से भेंट हो जाना सौभाग्य है

अब तक दुनिया भर के पचपन देशों में शताधिक पेशेवर संगठनों एवं हजारो अनुवादकों का इस संघ से जुड़ाव हो चुका है। इस संघ का लक्ष्य अनुवाद एवं अनुवचन की गतिविधियों में व्यावसायिकता को बढ़ावा देना है।
यह संघ सभी देशों में अनुवाद एवं अनुवचन की गतिविधियों की स्थितियों में सुधार लाने और अनुवादकों के अधिकारों एवं अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता को बनाए रखने का निरन्तर प्रयास करता है। अनुवाद एवं अनुवादकों की वैधानिक एवं सामाजिक स्थिति के संरक्षण और सुधार के लिए सन् 1976 में यूनेस्को द्वारा नैरोबी सम्मेलन में की गई सिफारिश, अनुवाद-परम्परा के इतिहास में एक प्रस्थान-बिन्दु है।

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पुनः भेंट होगी...
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3 टिप्‍पणियां:

  1. सटीक प्रस्तुति दीदी
    आभार..
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर संकलन। अटल जी की पावन स्मृति को सादर श्रद्धांजलि और क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं,🌹🌹🌹

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर,अटल जी को विनम्र श्रद्धांजलि
    क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं

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