आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।
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बदली हुई मनःस्थितियों में ,
बेमौसम की बरसात हुई ।
जीवमात्र ठिठुरे हैं सारे ,
कब दिन हुआ कब रात हुई
रुख बदल दो तुम ही ऐ हवाओं !
मन तपस को तरस रहा ।।
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दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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बदली हुई मनःस्थितियों में ,
बेमौसम की बरसात हुई ।
जीवमात्र ठिठुरे हैं सारे ,
कब दिन हुआ कब रात हुई
रुख बदल दो तुम ही ऐ हवाओं !
मन तपस को तरस रहा ।।
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बेहतरीन अंक..
जवाब देंहटाएंदेवेंद्र पाण्डेय की कथरी
कसक पैदा कर गई मन में
आभार..
सादर..
सुप्रभात 🌞💐
जवाब देंहटाएंसतश्रीअकाल 🙏😊
नमस्कार 🙏
प्रणाम🙏
𝗚𝗼𝗼𝗱 𝗺𝗼𝗿𝗻𝗶𝗻𝗴 ☕😀
बहुत ही शानदार प्रस्तुति👌
सभी अंक बहुत ही बेहतरीन है👍
मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया🙏
आभार.. 🙏
बहुत सुंदर संकलन । बेहतरीन सूत्रों के मध्य मेरे सृजन को सम्मिलित करने के लिए हृदयतल से धन्यवाद श्वेता जी !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंसुख की चिड़िया..शानदार भूमिका के साथ लाजवाब प्रस्तुति ...सभी लिंक बेहद उत्कृष्ट.. मेरी रचना को स्थान देने हेतु तहेदिल से धन्यवाद प्रिय श्वेता जी! सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
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