सादर अभिवादन
आज दशहरा है
यानी दसों शीश का हरण
असत्य पर सत्य की विजय
अधर्म पर धर्म की विजय
इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था,
इसीलिए यह पर्व
बुराई पर अच्छाई की जीत
के रूप में मनाया जाता है।
चलिए चलें रचनाओं की ओर....
देवी माँ का रूप धर, बिटिया मैके आय
तरस रहे जो दरस को ,देख देख अघाय
माटी की बिटिया सजी , पहन वस्त्र परिधान
अस्त्र शस्त्र से लैस , सजे भाल अभिमान
तेरी गहरी काली आँखों की,
तारीफ़ तो सबने की होगी।
उन लोगों की सूची में,
इक नाम मेरा भी लिख लेना॥
तू न थक ऐ जिंदगी,
अभी बहुत दूर तलक जाना है हमें,
तू ही तो है अकेली मेरी हमसफर
चल ऊठ ऐ जिंदगी
इतनी जल्दी थकना नही है हमें।।
तू भी थक जाएगी मेरे जैसी
तो मेरा हौसला अफजाई
कौन करेगा??
स्याह आसमां
बेहद बरसेगा
आशा नहीं थी
घरों में जल
बदहवास जन
बेचैन मन
प्रेम का रंग सबसे अनोखा होता है ..
धरती का कोई कोना
ऐसा नही जहाँ
प्रेम की भाषा न बोली जाती हो .
हर गीत ,हर रंग में चाहे
वह लोकगीत हो या कोई भी
संगीत प्रेम का विरह का रंग
उस में छलक ही जाता है ..
प्रेम करने की न कोई उम्र है
न कोई सीमा
यह कब ज़िन्दगी में दाखिल होता है
कोई नहीं जानता
दिखती हैं अक़्सर
फूलों की अर्थियां
दुकानों .. फुटपाथों
चौक-चौराहों पर
चीख़ते .. सुबकते
पड़े बेहाल ..
बेजान फूल ही
चढ़ते यहाँ
बेजान 'पत्थरों' पर ...
...
रचनाएँ यहीं तक..
बारी विषय की
बानबेवां अंक
विषय
प्रेम
उदाहरण..
रात भर प्रेम
रात भर किया
दो कुर्सियों ने प्रेम
दो पेड़ों ने
बांहें फैलाकर किया आलिंगन
घर के दरवाजे की चौखटें
करीब आकर चुंबन लेती रहीं रात भर
प्रेम में डूबी रही
रचनाकार ...दुष्यन्त
प्रविष्टियाँ शनिवार 12 अक्टूबर 2019 तक
शाम 3 बजे तक
माध्यम..
ब्लॉग सम्पर्क फार्म
उपासना, कन्यापूजन, यज्ञ- हवन के साथ नवरात्र पर्व का कल समापन हो गया है। आज विजयादशमी मनाने की तैयारी में हमसभी जुटे हुये हैं। परंपरा के अनुरूप रावण के विशालकाय पुतले बनाये जा रहे हैं। आतिशबाजी कर पटाखों के माध्यम से उसे आग के हवाले किया जाएगा। बच्चे ताली बजकर इसका स्वागत करेंगे और बड़े लोगों में से कितने है कि शाम ढलते -ढलते शराब के नशे में झूम बराबर झूम शराबी के नाट्य मंचन में जुट जाएँगे।
जवाब देंहटाएंसवाल यह है कि महापराक्रमी, महाज्ञानी एवं एक अतिसमृद्ध राष्ट्र के शासक रावण का पुतला तो हम हजारों वर्ष से जलाते आ रहे हैं, परंतु अपने हृदय में छिपे बैठे रावण (अहंकार, लोभ, मोह एवं स्वार्थ ) को हम कब मारेंगे। रावण सर्वगुण संपन्न होकर भी दूसरों की संपत्ति के प्रति लोलुपता के कारण समाज में तिरस्कृत हुआ और उसके अहंकार का परिणाम यह रहा कि वह अपने वंश सहित नष्ट हो गया।
वहीं , इस अर्थयुग में हममें से अनेक भी तो यही कर रहे हैं। अवैध तरीके से दूसरों की और राष्ट्रीय सम्पत्ति को अपना समझ हड़प रहे हैं।जिसपर जनता का अधिकार होना चाहिए ,उसपर राजनेता और नौकरशाह कब्जा किये बैठे हैं।भूमाफिया, खनन माफिया और भी न जाने कितने प्रकार के सफेदपोश बाहुबलियों से सरकारी विभाग कंपित है। शासन- प्रशासन में आजादी के बाद से ही मौसेरे भाई का जो खेल शुरू है, वह चरम पर है। शोषित-पीड़ित जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है। सड़के बनते ही टूट जा रही हैं। विकास से जुड़ी कोई भी सामग्री निर्मित हो रहा है, तो उसकी गुणवत्ता की जाँच को लेकर जनप्रतिनिधि कुछ इस तरह से मौन हो जाते हैं कि उन्हें तो कोई घोटला उसमें दिख ही नही रहा हो । तो फिर हे ! ये ज्ञान- ध्यानी संतजन ,किस रावण के वध का उत्सव मनाते हैं।
सरकार कहती है कि हमने अच्छे दिन ला दिये है। आप किसी भी दुकान पर चले जाए और वहाँ काम करने वाले किसी कर्मचारी से पूछे कि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं उसके वेतन में कितनी वृद्धि हुई है। इस अच्छे दिन का राज आप सभी स्वयं जान जाएँगे। अरे भाई ! अब तो नौकरियाँ कम होती जा रही हैं। खैर, आज सायं रावण का पुतला दहन करते समय हम भी अपने मन को टटोलें , कहीं कोई दशानन हमारे हृदय में तो नहीं छिपा है।
यदि हम राम नहीं हैं, तो रावण के पुतला दहन का जश्न मनाने का भी हमें अधिकार नहीं है।
इन्हीं चंद शब्दों के साथ सभी को विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएँ।
व्वाहहहहहह
हटाएंवेहतरीन प्रतिक्रिया
आपने पूरा गाण्डीव का पृष्ठ ही लिख दिया
यहाँ पर संग्रहित रचनाओं पर कुछ भी नही लिखा
ऐसे में रचनाकारों का उत्साह कैसे बढ़ेगा
आभार..
सादर
आपकी प्रस्तुति एवं संग्रहित रचनाएँ सदैव श्रेष्ठ होती हैं। आगामी अंक का विषय भी अच्छा है।
हटाएंपरंतु आज का दिन तो सिर्फ आत्ममंथन का है कि हम किस रावण का पुतला दहन करे..।
कागज के रावण का या फिर मन में छिपे अवगुणों का।
प्रणाम दी।
हाँ , हमारी सरकार को चाहिए कि वह महंगाई का पुतला दहन करे। हमारे अच्छे दिन पुनः वापस करे । सब्जीमंडी में आलू और प्याज तक खरीदने में इन दिनों जेब टटोलना पड़ रहा है।
हटाएंबेहतरीन अंक..
जवाब देंहटाएंबेहतर विषय..
अप्रतिम रचनाएँ..
सादर...
बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ।
सुन्दर अंक।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचनाएँ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने का आभार!
अन्य रचनाकारों को शुभकामनाएँ।
बहुत शानदार प्रस्तुति, सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्रों का चयन ।
सुंदर विषय।
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएं