जन्मदिवस ( 22 अक्टूबर 1947)पर सादर नमन
उस वक़्त बहुत ख़ास होता है
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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जवाब देंहटाएंलगी है होड़ - सी देखो अमीरी औ गरीबी में
ये गांधीवाद के ढाँचे की बुनियादी खराबी है...
गांधी बाबा क्या करें बेचारे , उनकी गरीब " खादी " पर भी अमीरों का कब्जा हो गया है। एक सदरी की कीमत 3 हजार है ।गांधी आश्रम चले जाएं वहां नेताओं का बोलबाला है ,गरीबों का नहीं ।
बहन अनिता सैनी जी की रचना " आम आदमी" बेहद प्रभावशाली है।
प्रस्तुति की भूमिका उम्दा है सभी रचनाकारों को प्रणाम।
बेहतरीन प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंसादर..
सराहनीय संकलन
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स एवं प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंलाजवाब।
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन हलचल की प्रस्तुति 👌)
जवाब देंहटाएंमुझे इस मंच पर सम्मान देने और स्थान देने हेतु तहे दिल से आभार आदरणीय पम्मी जी का
सादर
बहुत सुंदर भूमिका और सराहनीय रचनाओं से सजा आज का सुंदर संकलन। बहुत अच्छी प्रस्तुति है पम्मी जी।
जवाब देंहटाएंसादर।
बहुत ही शानदार भुमिका के साथ सुंदर रोचक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी लिंक मन भावन रचनाओं के साथ, ।सभी रचनाकारों को बधाई
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
सराहनीय रचनाओं से सजा सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंसराहनीय अंक
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अंक।
जवाब देंहटाएंआभार !
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