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शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019

1561 मिटे दूरियां, सब आपके पास हो, ऐसा धनतेरस आपका इस साल हो


स्नेहिल नमस्कार
-------

शुभ्र,सत्य और मानवता की विजय हो
स्वार्थ,असत्य,कलुषिता क्रमशः क्षय हो
इक देहरी भी मुस्कान दीप जला पाऊँ
कर्म यह सार्थक दीपावली मंगलमय हो

★★★★★★★

विविधापूर्ण भारतीय संस्कृति में हिंदू धर्म
में मनाया जाने वाला पंचदिवसीय दीपावली का त्योहार विशेष महत्व रखता है।
धनतेरस,धनत्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती
के नामों से प्रसिद्ध आज के दिन परंपरागत रुप से सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की जाती है।
हमारे पाँच लिंक परिवार की ओर से
आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

👣👣👣👣👣👣👣👣👣👣👣👣👣👣

चलिए आज की रचनाएँ पढ़ते हैं-

और इधर अपने से छोटों पर
  अक्षम पर या अपने आश्रितों पर
  उड़ेल देते हैं सारा क्रोध
  बिना सोचे समझे.....
  बेझिझक, जानबूझ कर
  हाँ !  जानबूझ कर ही तो
  क्योंकि जानते हैं.....
  कि क्या बिगाड़ लेंगे ये
  दुखी होकर भी........

★★★★★

दर्द तो है

 " इन दिनों हुए इन सारे घटनाकर्मो को देख कर क्या आप को नहीं लगता कि हमने अपनी इंसानियत पूरी तरह खो दी  है ? क्या हमने अपने सभी "त्योहारों" चाहे वो किसी भी धर्म का हो उसे  बदनाम नहीं कर दिया है? क्या सभी त्यौहारों की पाकीज़गी , उसकी खूबसूरती और उसके उदेश्य को हमने मिटटी में नहीं मिला दिया ?

★★★★★

इस निस्सीम ब्रह्मांड में
जब उसने मुझे मेरी क्षुद्रता दिखाई
मैं उस असीम में डूबती चली गई
अनंत विस्तार था
अथाह गहराई 
और मुझे उड़ना नहीं आता था

★★★★★★

हो तुम मेरा सम्बल
अकेली नहीं हूँ मैं
जो भी  हैं मेरे साथ
सब हैं अलग अलग
पर मकसद सब का एक
एक साथ मिलकर
देते हर काम को अंजाम

★★★★★★

एक चिड़िया का घोंसला एक किसान के खेत में था । एक दिन शाम को जब चिड़िया घोंसले में आयी तो उसके बच्चों ने डरते हुए बताया कि आज किसान और उसका बेटा आपस में बात कर रहे थे कि वह अपने रिश्तेदारों की मदद से कल इस खेत को पूरा काटकर जमीन को समतल कर देंगे और हल चलाकर इसमें बीज भी बो देंगे, फिर वह डरते हुए अपनी मां से बोले कि हमें जल्द ही इस खेत से चला जाना चाहिए । तब उनकी मां हंसते हुए बोली- चिंता की कोई बात नहीं, आराम से सो जाओ कल खेत नहीं कटेगा,

★★★★★

असंंवेदनशील महात्मा बनाम संवेदनशील दुरात्मा

 इसी बीच एमन स्वयं वहाँ पहुँच गया और जड़वत नम नयनों से उस निष्प्राण देह को निहारने लगा ।   वह गहरे सदमे की मुद्रा में था ।   उसने शुकुलजी के दामाद, सरयुग राय भट्ट जी से विनम्र याचना की ।   उसे शुकुलजी की पतली माली हालत की जानकारी थी कि किस तरह इस स्वतन्त्रता सेनानी ने उससे लड़ाई में अपना सब कुछ गँवा दिया था ।   उसने सरयुग राय जी को काफी समझाया-बुझाया और फिर एक सिफारशी पत्र मोतिहारी के एस पी के नाम लिखकर दिया । 
 यह दृश्य देख पहले से चकराए माथे वाले राजेन्द्र बाबू की आँखे अब चौधियाँ गयी ।   उनकी जुबान लड़खड़ाई, 'अरे आप!............आप तो शुकुलजी के जानी दुश्मन ठहरे! पूरी दुनिया के सामने आपके घुटने टेकवा दिए उन्होंने! अब तो आपको तसल्ली मिल गयी होगी । 





आज की प्रस्तुति आपको कैसी लगी
आपकी सभी प्रतिक्रियाओं की
सदैव प्रतीक्षा रहती है।

कल का अंक पढ़ना न भूलेंं
कल आ रहींं हैं विभा दी
एक  विशेष अंक लेकर।

#श्वेता

13 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात...
    पसंद आई आज की प्रस्तुति..
    आभार..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही अच्छी और सराहनीय और अनोखी प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  3. आपके इस सुन्दर प्रस्तुतिकरण में मेरी ब्लॉग-पोस्ट अपनी नौकरी स्वयं करें को देखकर अच्छा लगा । आभार सहित...

    जवाब देंहटाएं
  4. धनतेरस की मंगलकामनाएं। सुन्दर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  5. दीपावली के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति 👌
    सभी रचनाएँ बेहद उम्दा।
    धनतेरस की आप सभी को ढेरों शुभकामनाएँ।
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  7. सभी links बढ़िया हैं....

    साधुवाद 🙏

    धन्तेरस की शुभकामनाएं ✨🌹✨

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह!श्वेता ,सुंदर प्रस्तुति ।
    धनतेरस की शुभकामनाएं 💐💐🙏

    जवाब देंहटाएं
  9. धन तेरस की और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए।
    बहुत अच्छी प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  10. लाजवाब प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंको का संकलन...
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार एवं धन्यवाद, श्वेता जी !
    आप सभी को धनतेरस की शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  11. बेहतरीन प्रस्तुति ,मेरे लेख को स्थान देने के लिए सहृदय धन्यवाद श्वेता जी ,कल उपस्थित ना होने के लिए क्षमा चाहती हूँ ,आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं

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