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दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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बुराई पर अच्छाई की
जवाब देंहटाएंलक्षित / अलक्षित विजय का,
अभियान दो क़दम भी आगे न बढ़ा
यह आत्मचिंतन ही हम लक्ष्य की बढ़ने के लिये प्रेरित करता है। ब्लॉग जगत में अनेक बुद्धिजीवी हैं। कुछ की रचनात्मक क्षमता अधिक है और कुछ की कम। एक तरह से हम अपनी मन की बात अथवा डायरी लिखते हैं।
हो सकता है कि जो हम लिखते हैं, दूसरों को पसंद न आये, परंतु पसंद न आने का अर्थ यह नहीं है कि हम अपनी विद्वता (शब्द कला) का प्रयोग किसी को नीचा दिखलाने के लिये करे। यह भी रावण का ही एक गुण है कि किसी भी प्रकार स्वयं को श्रेष्ठ बताना।
सो, ब्लॉग जगत में जो कड़वाहट पिछले दिनों देखने को मिली । उसको ध्यान में रख मैंने टिप्पणी बाक्स ही हटा दिया।
वह कहते हैं न कि ना रहे बांस ना बजेगी बांसुरी...
आपकी प्रस्तुति सदैव ही संक्षिप्त, परंतु उपदेश परक होती है। मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार।
प्रणाम।
शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति..
आभार..
सादर..
अति सुंदर प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर हलचल का संकलन |सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई |
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुंदर प्रस्तुति।मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंव्वाहहहह
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
सादर...
बहुत अच्छी पोस्ट थी आपकी धन्यवाद
जवाब देंहटाएंhindi varnamala
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन! कड़ियां जुडी रहें
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मेरी रचना शामिल करने के लिए |
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्दा संकलन
सभी रचनाकारों को खूब बधाई
सादर नमन