सचमुच अच्छी लगेगी आप सबको
सच ही कह रही हूँ
अंदाजा लगाइए..
बातों में वक्त जाया न करते हुए
चलें रचनाओं की ओर....
सूरज संग संवाद..!! .....
हाँ पहली बार देखा था सूरज को
सिसकते हुए...!!
दंभ से भरे लाल गोलाकार वृत्त में
सालों से अकेले खड़े हुए..!!
हमारे कोसे जाने की अवधि में
स्थिर वो सुनता रहा है सब कुछ
उसकी भी संवेदनाएँ ...!
प्रभाव छोड़ती है..!!
होठों के 'क्रेटर' से ...
मन के मेरे सूक्ष्म रंध्रों ...
कुछ दरके दरारों ...
बना जिनसे मनःस्थली भावशून्य रिक्त ..
कुछ सगे-सम्बन्धों से कोई कोना तिक्त
जहाँ-जहाँ जब-जब अनायास
अचानक करता तुम्हारा प्रेम-जल सिक्त
और ... करता स्पर्श
बदल रही थी रुख़ आब-ओ-हवा ज़माने की
आहत हुए कुछ अल्फ़ाज़ ज़माने की आब-ओ-हवा में,
लिपटते रहे हाथों से और सीने में उतर गये,
उनमें में एक लफ़्ज़ था मुहब्बत,
ज़ालिम ज़माना उसका साथ छोड़ गया,
मुक़द्दर से झगड़ता रहा ता-उम्र वह,
मक़ाम उसका बदलता गया,
परिक्रमा मन से मन तक..
कैसे रंग लेते हो शब्दों को
गेरुए रंग में
जहाँ हर पंक्ति रूहानी हो जाती है
और इनके अर्थ करने लगते हैं
परिक्रमा मन से मन तक
दूरियां सिमट कर
पलकों की छांव में
बस संदली हो जाती है..
कुछ अधूरा सा ...
रुकी हुई है कलम
टिकी हुई कागज पर
कि कोई ऐसी बात कहदूँ
कि आसमानका पट सरक जाए
कि स्याह अँधेरी रात
झटपट सितारों से जगमग जाए
विदाई ....
सूने पार्क में
कोने के चबूतरे पर बैठी
यादों के बियाबान जंगल में
विचरण करती हुई..
तभी पीले पत्तों का शाख से विदा हो कर
स्पर्श कर जाना ,
निःशब्द, स्तब्ध कर गया मुझे ।
....
कुछ सूचना..
विषय अपरिहार्य कारणों से
स्थगित किया जा रहा है
छठ पर्व के पश्चात हमारी मीटिंग
में इसी विषय पर बात होगी....
सादर
रुकी हुई है कलम
जवाब देंहटाएंटिकी हुई कागज पर...
सत्य लिखने अथवा बोलने में विलंब नहीं करना चाहिए , अन्यथा हृदय में अंधकार कायम रहेगा और न सितारे जगमगाएंगे न ही प्रकाश रहेगा।
सुंदर रचना है, सभी को प्रणाम।
शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंअद्भुत..
सादर..
आज की प्रस्तुति सचमुच अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंसस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना
एकदम वक़्त जाया नहीं किया और आपकी भविष्यवाणी शत प्रति शत सही निकली। आभार और आनेवाली पर्व-श्रृंखला की बधाई!!
जवाब देंहटाएंवाह बेहद शानदार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह!सुंदर प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर हलचल प्रस्तुति में मुझे स्थान देने हेतु तहे दिल से आभार आदरणीया दी.
जवाब देंहटाएंसादर
हमक़दम का विषय नहीं आना ... मायूस कर गया , पर कई अच्छी रचनाओं के साथ मेरी रचना का साझा किया जाना उत्साहित कर गया .... आभार और नमन आपको ...
जवाब देंहटाएंजी दी बहुत अच्छी रचनाओं के सूत्र सजाये हैं आपने..सभी एक से बढ़कर एक..अति उत्तम संकलन।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण उम्ददा लिंक संकलन...
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