सादर अभिवादन
व्यवधान एक आया था
संदेह था कि प्रस्तुति बनेगी या नहीं
पर, उड़ गया संदेह हवा में
चलिए चलें लिंक की ओर..
प्यार ...कामिनी सिन्हा
"प्यार" शब्द तो एक है लेकिन इसके रूप अनेक है माँ बाप से प्यार ,भाई बहन का प्यार, पति- पत्नी का प्यार, दोस्तों का प्यार, प्रेमी- प्रेमिका का प्यार और भगवान- भक्त का प्यार। ये सब तो प्यार के ही रूप है लेकिन देखा ये जाता है कि इन सारे प्यार के रूपों में सब से ज्यादा चर्चे सिर्फ दो रूपों की होती हैं। उनके ही किस्से कहानियाँ हमेशा से सुनने को मिलते आ रहे हैं।
पंछी घोसले नहीं बनाते
अब इस पेड़ पर
तो क्या हुआ
छाव में बैठते तो है ,
याद रहे कभी इसे
घमंड में न बदल देना
नहीं तो सर शर्म से झुक जाएगा
कर्तव्य ही छुप जाएगा
केवल अधिकार की चाहत
कभी पूरी न हो पाएगी
धवल ज्योत्सना पूर्णिमा की
अंबर रजत चुनर ओढ, मुखरित
डाल-डाल चढ़ चंद्रिका डोलत
पात - पात पर रमत चंदनिया
तारक दल सुशोभित दमकत
ये जमीन जहरीली हो चुकी है
यहां से कहीं और बसने कि तैयारी करो
हवाओ से बाते करना पुराना हो चुका है
इस दौर में तूफानों पर सवारी करो
टहनी पर
बैठा ‘उलूक’
दूर शहर
में कहीं लगी
हुई आग
और रोशनी
के फर्क
को समझने
के लिये
दीपासन
लगाया हुआ
नजर आये
जैसा भी है
मनाना है
आईये दीप
जलायें
दीप पर्व
धूम धड़ाके
धूऐं से ही
सही मनायें ।
अब बस...
तिरानबेवाँ विषय
विषय
दिवाली
उदाहरण...
आई दिवाली फिर से आई
शुरू हो गई साफ सफाई
आई दिवाली आई !
साफ सफाई सीमित घर तक,
रस्तों पर कचरे का जमघट,
बाजारों की फीकी रौनक,
मिली नहीं है अब तक बोनस,
कैसे बने मिठाई !
आई दिवाली आई !
अंतिम तिथि- 19 अक्टूबर 2019
शाम तीन बजे तक
ब्लॉग सम्पर्क फार्म काम नहीं कर रहा है
कृपया मेल करें..
yashodadigvijay4@gmail.com
पर..
कृपया आलस त्यागें
कामिनी जी की रचना को सम्मान और प्रमुखता मिली ,यह देख कर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति के लिये यशोदा दी आपका संघर्ष स्वागतयोग्य है। इसलिये सभी को नमन।
वैसे, 15 अक्टूबर को हर साल विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है। 15 अक्टूबर को 1931 को देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजी अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। उनकी जयंती को संयुक्त राष्ट्र हर साल विश्व छात्र दिवस के तौर पर मनाता है।
मैं उनकी पुस्तक का हिन्दी अनुवाद "अग्नि की उड़ान " पढ़ रहा था, तो उनके जीवन संघर्ष एवं दृढ़ इच्छाशक्ति को पढ़कर उनकी महानता का पता चला । इसमें यह भी उन्होंने उल्लेख किया कि जब वे नासा के राकेट कार्यक्रमों वाले स्थान पर पहुंचे, तो वहां के स्वागत कक्ष में विशेष रुप से जो पेंटिंग देखी, उसमें टीपू सुल्तान की सेना को राकेटों से अंग्रेजों से युद्ध करते दिखाया गया था। पृथ्वी की दूसरी ओर एक भारती उपलब्धि को गौरवान्वित पाकर उनका मन आनंदित हो गया था और उन्होंने भी कुछ करने की ठान ली थी।
अभी क्या हो रहा है अपने शहर में, यह कि छात्र संघ चुनाव को लेकर सुबह से देर शाम तक बाइक जुलूस निकल रहा है और बस नारेबाजी।
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आज अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस है।
विकासशील देशों में लगभग 43 प्रतिशत महिलाएँ कृषि श्रमिक के रूप में कार्य करती हैं और खाद्य क्षेत्र से जुड़ी रहती हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 अक्टूबर 2008 को पहला अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस मनाकर ग्रामीण महिलाओं की भूमिका को सम्मानित करने का निर्णय लिया था।
मैं अपने जनपद की ग्रामीण श्रमिक महिलाओं की बात करूँ, जो खेत में, ईट भट्टों पर, भवन निर्माण के कार्य में लगी है और जो बीड़ी बनाने और कालीन बुनाई का काम भी करती हैं , उनके श्रम के हिसाब से पुरुषों की अपेक्षा उन्हें कम मजदूरी मिलती है, जबकि महिलाएँ काम करने में पुरुषों से पीछे नहीं है । अतः इस भेदभाव को मिटाने की आवश्यकता है।
विडंबना यह भी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची शराब ( महुआ निर्मित) भी महिलाएँ ही बनाती हैं और पुरुष उन्हें अवैध तरीके से बाजारों में बेचा करते हैं। उनमें शिक्षा के अभाव में यह सब हो रहा है।
हाँ , एक निवेदन है, जिन्हें अपनी परंपराओं से प्रेम है , वे मेरे ब्लॉक "व्याकुल पथिक " पर छोटी-छोटी खुशियाँँ का भाग 2 " स्नेह भरे ये पर्व " भी पढ़ने की कृपा करें।
जवाब देंहटाएंप्रभात वन्दना
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति..
सादर..
शुभप्रभात
जवाब देंहटाएंसराहनीय संकलन
सराहनीय लिंक्स
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद यशोदा जी |
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसूचना के लिए सहृदय आभार आदरणीया 🙏🌷
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकभी कभी तकनिकी कारणों से परेशानियां आ जाती हैं ये मैं भली भांति समझ सकती हूँ ,व्यवधानों के वावजूद नियमित रूप से अपने कार्य को जारी रखना ,साथ ही किसी की भावनाओं को भी ठेस ना पहुंचने देना सराहनीये हैं,आप सभी को सादर नमन। मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय धन्यवाद एवं आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार यशोदा जी।
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा सुंदर प्रस्तुति सभी सामग्री पठनीय।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
सभी रचनाकारों को बधाई।