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बुधवार, 5 अप्रैल 2017

628.....उधर ना जाने की कसम खाने से क्या हो वो जब इधर को ही अब आने में लगे हैं

अभय दाता श्री राम
लोकाभिरामं रनरङ्‌गधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्‌ ।
कारुण्यरूपं करुणाकरंतं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये ॥
राम नवमी की शुभकामनाएँ

सादर अभिवादन
आज कुछ पुराना  नहीं नया भी है.. पढ़ने को
कुछ न कुछ...देखिए... आनन्द ही आएगा..


सूरज ताका धीरे से.....श्वेता सिन्हा
रात की काली चुनर उठाकर
सूरज ताका धीरे से
अलसाये तन बोझिल पलकें
नींद टूट रही धीरे से
थोड़ा सा सो जाऊँ और पर
दिन चढ़ आया धीरे से




मुझे देख कर उसने बिलखते हुए कहा – “ अंकल जी ! आप मुझे कल सुबह क्यों नहीं मिले। जब वे कुत्ते मुझ पर झपटे तो मुझे आपकी बहुत याद आ रही थी और जब वह दरिंदे मुझे अर्द्धचेतन अवस्था में छोड़ कर भाग गए तो मेरे मन में इच्छा-मृत्यु की कामना उठ रही थी कि काश सच में गली के कुत्तें कल मुझे नोच खाते तो कितना अच्छा होता।”


लोगों की सान्त्वना 
वक्त का मरहम 
हर पीड़ा हर लेता है,
कितने भी गहरे हों 
घाव, हर व्रण को 
भर देता है। 

मुफ्त नहीं मुहब्बत मेरी,तुम्हें झुकना होगा,
तुम सिर्फ मेरे हो,ये वादा तुम्हें करना होगा,
धोखा नहीं चलेगा,प्यार के इस व्यापार में,
खुल के दुनिया के सामने,दम भरना होगा।


विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस आगामी 7 अप्रैल को मनाया जाएगा तब तक देखें आप स्‍वयं को स्‍वस्‍थ रखने के लिए क्‍या क्‍या कोशिश करते हैं। इस बार वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑरगेनाइजेशन ने इसकी थीम रखी है ''अवसाद''..; और अवसाद है मन की बीमार अवस्था जिसे सिर्फ स्‍वयं के मन से ही ट्रीट किया जा सकता है। 

बातें आने-जाने की....डॉ. सुशील जोशी
चश्मे के ऊपर 
एक और 
चश्मा लगा 
दिन ही नहीं 
रात में तक 
आने लगे हैं 
अपने ही 
घर को 
आबाद 
करने की 
सोच पैदा 
क्यों नहीं 
कर पा 
रहे हो 
'उलूक'

आज्ञा दें यशोदा को
सादर




8 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर संकलन! यशोदा जी ,सभी रचनाकारों को एक मंच पर लाने की यह एक सराहनीय कोशिश है आपकी।
    शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। सुन्दर चित्र चयन। आभार यशोदा जी 'उलूक' के एक पुराने सूत्र को भी स्थान देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात
    बहुत सुन्दर लिंको का चयन

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर हलचल। "वक्त का मरहम" को शामिल करने के लिये बहुत धन्यबाद।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर लिंकों से सजी बहुत अच्छी पांच लिंकों का आनंद की प्रस्तुति। आपको भी राम नवमी का शुभकामनाएँ यशोदा जी।

    जवाब देंहटाएं
  6. शुभ दोपहर....
    सुंदर....
    अति सुंदर....

    जवाब देंहटाएं
  7. "पांच लिंकों का आनंद में" मेरी कविता "मुफ्त नहीं मोहब्बत मेरी" को स्थान देने के लिए सादर धन्यवाद आपका यशोदा अग्रवाल जी !

    जवाब देंहटाएं

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