सादर अभिवादन..
कल महावीर जयन्ती हो गई और
कल महावीर (हनुमान) जयन्ती है
विलम्बित व अग्रिम शुभकामनाएँ प्रेषित करती हूँ....
आज का आगाज इन दो पंक्तियों के साथ..
नदी हूँ हर तरफ़ बहने की राह रखती हूँ
कोई हो रास्ता उस पर निगाह रखती हूँ
वह पत्रकार साथी पत्रकारों के सामने अपनी इतनी आसान चेक-मेट कैसे मान लेता, "अब इन लड़कियों का क्या होगा? इतनी ही फ़िक्र थी इनकी तो यह काम करने से पहले इनका तो सोचा होता।"
कमलू - "बाकी 15-16 की हैं पर इनमे एक 19 साल की है, उसको थोड़ा सिखाया है और लाइसेंस दिलवा दिए हैं। अभी छोटे रुट पर ट्रक चलाएगी बाकियों को बैठाकर।"
पत्रकार - "लाइसेंस दिलवा दिए हैं मतलब ट्रक के अलावा और क्या चलाएगी?"
कमलू - "ज़रुरत पड़ने पर बंदूक भी चलाएगी...."
"किंशुक पूरे घर को दिये और मोमबत्ती से सजाना" मयंक ने कहा तो किंशुक चिंहुक उठी। बहुत अच्छा आइडिया है मयंक एकदम अलग लगेगा।
पूरा बंगला मोमबत्ती की झिलमिलाती रोशनी से जगमगा उठा और मयंक देर तक उनकी लौ को ताकता रहा। पहले तो किंशुक को लगा कि इस सजावट से अभिभूत हो कर मयंक उसमे खोया हुआ है। पर जब देर तक उसने मयंक को मोमबत्ती की लौ को ताकते देखा तो उसे अजीब सा लगा।
जाम था, तिश्र्नगी रही फिर भी
वस्ल था, बेकली रही फिर भी
ज़िन्दगी ज़िन्दगी न थी यूँ तो
शान से वो तनी रही फिर भी
मन का घना वन,
जिसके कई अंधेरे कोने से
मैं भी अपरिचित हूँ,
बहुत डर लगता है
बात से बात....डॉ. सुशील कुमार जोशी
बात पकानी बहुत
आसान होती है
जितनी चाहे
पका ले जाइये
करना कहाँ कुछ
किसी को होता है
बातें करना
और बनाना
सबसे जरूरी
होता है
....
आज्ञा दें यशोदा को
सादर
: : आज के रचनाकार : :
श्री मोहित शर्मा, श्रीमति कविता वर्मा, श्रीमति पूनम मटिया,
श्वेता सिन्हा, डॉ. सुशील कुमार जोशी, अभिषेक कुमार
ढ़ेरों आशीष व असीम शुभकामनाओं के संग शुभ दिवस छोटी बहना
जवाब देंहटाएंबढ़ियाँ प्रस्तुतीकरण
बेहतरीन लिंक संयोजन ! बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल प्रस्तुति
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर अति उत्तम रचनाएँ अच्छी लिंकों का चयन मेरी रछना को मान देने के लिए आभार आपका यशोदा दी।
जवाब देंहटाएंशुभ दोपहर...
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन....
बढ़िया बुलेटिन यशोदा जी। आभारी है 'उलूक' की रैसेपी को जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंReally very beautiful, congrats
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