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शनिवार, 22 अप्रैल 2017

645 The first Earth Day – April 22, 1970





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सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष

भाषण देते सुनते मेरी पीढ़ी गुजर रही
सहना ना पड़े पीड़ा नई पीढ़ी सुधर रही






पृथ्वी संरक्षण पर बच्चों ने लिया संकल्प; 
स्वर्ण स्कूल ने मनाया विश्व पृथ्वी दिवस; 
जागरूकता रैली व प्रतियोगिताओं द्वारा किया जागरूक; 
पृथ्वी विषय कविताएं भी सुनाई छात्रों ने






आप कभी यह नहीं सोचते, 
‘इस छोटी उंगली को काटकर फेंक दो’। 
अगर आप वाकई हर चीज को 
खुद में शामिल करना चाहते हैं, तो
 आपको सीखना चाहिए कि सभी चीजों को 
एक नजर से कैसे देखें। आपको इस बात के 
प्रति जागरूक होना चाहिए। यह बहुत अहम है।






महानगरेषु वाहनानां निर्बाध-प्रचलनेन
ध्वनि-प्रसारयन्त्र-विज्ञापनेन नूतनयन्त्राणां 
निनादेन कर्णस्फोटकध्वनिः रात्रिदिवं 
समुत्पद्यते तेन मानवस्य मनःशान्ति-विलुप्ता 
जनाः अनिद्रारोगेण विक्षिप्ताः इव सन्ति ।





हूँ उगा मैं मिट्टी से, फिर भी नभ को चूमता,
वर्षा की झंकार सुन, मदमस्त हो के झूमता,
वन के पृष्ठ पर हरे रत्न-सा मैं हूँ जड़ा,
क्या महान कर रहा तू वहाँ पड़ा-पड़ा?









Image result for अर्थ डे पर कविता

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फिर मिलेंगे

विभा रानी श्रीवास्तव





6 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    दीदी को सादर नमन
    पृथ्वी दिवस पर शुभ कामनाएँ
    सम-सामयिक प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया सामयिक हलचल प्रस्तुति हेतु धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. पृथ्वी दिवस पर बढ़िया प्रस्तुति👌👌

    जवाब देंहटाएं
  5. विश्व पृथ्वी दिवस पर "पाँच लिंकों का आनंद " की विशेष प्रस्तुति सराहनीय है। जन जागरण के लिए चयनित लिंक्स भी अपनी -अपनी विशेषता लिए हुए हैं। चित्रावली ध्यान आकृष्ट करने में सक्षम है। ज़रूर हम इस प्रस्तुति की व्यावहारिकता को आत्मसात करेंगे। हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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