साधुवाद, आदरणीय भाई डॉ. रूपचन्द्र जी शास्त्री जी
हृदय से आभार प्रेषित करती हूँ..
आज की रचनाओं में...
इस ब्लॉग में पहली बार
अल्मोड़ा से दिखती हिमालय श्रंखला
हुस्न पहाड़ों का....हर्षिता विनय जोशी
उत्तराखंड में पले बढे होने के कारण बरफ से ढके हुये पहाड़, आँखों के सामने चमचमाती हिमालय श्रृंखला, उनसे निकल कर कल कल बहती नदियों और मीठे पानी के झरनों का साथ बचपन से ही हमारे साथ बना रहा है। ये प्राकृतिक सौंदर्य हमारे रोज मर्रा के जीवन में इस तरह से सम्मिलित था कि कभी ये विचार मन में आया ही नहीं कि जिंदगी इससे इतर भी हो सकती है।
मैं नदी हूँ....साधना वैद
बहती रही
अथक निरंतर
मैं सदियों से
" मेरी दादी "....अर्चना सक्सेना
मेरी दादी बड़ी ही प्यारी
मुझ पर जान लुटाने वाली
जब भी मैं हूँ गाँव को जाता
मुझको बाँहों में भर लेती
फिर माथे और हथेलियों को
जी भर के है चूमा करती
छंदमुक्त...ऋता शेखर 'मधु'
दुःख के पके पत्ते गिरे
मन की संधियों से झाँकने लगीं
कोंपलें सुख की
वह तूफ़ान
जो ले गया दूर
जीवन के विक्षत पन्ने
ग़ज़ल...कालीपद "प्रसाद"
वो अश्क भरा चश्म, समुन्दर न हुआ था
उस दीद से’ दिल भर गया’, पर तर न हुआ था |
तू दोस्त बना मेरा’ चुराकर न हुआ था
संसार कहे कुछ भी’ सितमगर न हुआ था |
बस मिले थे....पुरुषोत्तम सिन्हा
चंद बिसरी सी बातें, चंद भूले से वादे,
बेवजह की मुफलिसी, बेबात की मनमानियाँ,
बे इरादा नैनों की वो नादान सी शैतानियाँ,
पर कहाँ बदल सके वो, हालात के चंद बिगड़ते से पल...
चूहों की दौड़.....डॉ. सुशील कुमार जोशी
‘उलूक’ समझ ले
दूर से बैठकर
तमाशा देखने
वाले कीड़े
कामचोर
कीड़े होते हैं
लाश के बारे में
सोचते हैं
और मातम
करते हैं
बेवकूफ होते हैं
और रोते हैं ।
आज्ञा दें यशोदा को..
जाते-जाते एक मिनट का समय और लूँगी
बताना था..आदमियों की सब से बड़ी कमजोरी क्या है
अब क्या बताऊँ..खुद ही देख लीजिए
सुंदर हलचल प्रस्तुति,सराहनीय लिंकों का चयन...
जवाब देंहटाएंयशोदा दी विडियो 👌👌👌
सुप्रभात सादर
जवाब देंहटाएंप्रणाम
बहुत सुंदर हलचल प्रस्तुति
सुप्रभात यशोदा जी ! बहुत ही सुन्दर सार्थक प्रस्तुति ! मेरे चित्र हाइगा, 'मैं नदी हूँ', को आज की हलचल में स्थान देने के लिए आपका हृदय से आभार !
जवाब देंहटाएंढ़ेरों आशीष
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार।
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति। आभार यशोदा जी 'उलूक' के सूत्र को भी आज के पंचों में जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन ,आभार।
जवाब देंहटाएं"हुस्न पहाड़ों का " को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंबढियाँ संकलन..@video☺👌
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअतिसुंदर
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