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शनिवार, 25 फ़रवरी 2017

589 ... माँ


सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष


स्त्री
ढ़ली
सूत्राली
स्नेह उर
खूँट आशीष
कर बलशाली
माँ की विरुदावली


  हेलो फ्रेंड्स


माँ पर नहीं लिखी जा सकती कविता



चित्र में ये शामिल हो सकता है: एक या और लोेग  मिशन समृद्धि



माँ मेरी माँ  Image result for माता पर कविता



   लंबे अंतराल के बाद




फिर मिलेंगे ..... तब तक के लिए

आखरी सलाम


विभा रानी श्रीवास्तव



4 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    माँ
    इस
    एक शब्द में
    सारा संसार
    समाहित है
    अच्छी प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभप्रभात आनंद आ गया बहुत-बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. सच है माँ पर नहीं लिख सकता है कोई चाह कर भी अनन्त है माँ । सुन्दर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं

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