आज धर्म संकट खड़ा हो गया था
शनि की रात बारह बजे तक देवी जी जाग गई
रविवार की प्रस्तुति जो बनानी थी
सो सुबह मैंनें कहा कि आराम करिए
और भाई कुलदीप जी को कहा
प्रस्तुति में बना दूँगा
चलते- चलते एक अश़आर पेश है
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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वाह..
जवाब देंहटाएंअच्छा चयन
सादर
सुन्दर प्रस्तुति। सलाम आप लोगों की लगन को ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल हलचल प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंसुंदर...
जवाब देंहटाएंआभार आप का....
बहुत सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसार्थक लिंक्स एवं सुन्दर प्रस्तुति ! मेरे सृजन को आज यहाँ स्थान देने के लिए आपका हृदय से आभार कुलदीप जी !
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