सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष
काश टूटने के लिए ना होता
वादा तेरा वादा
"बहुत कुछ है पास लेकिन कुछ भी न रहा
उसकी ही जुस्तजू थी और वो ही न रहा
कहता था कि इक पल न रहेंगे तेरे वगैर
हम दोनो रह गये बस वो वादा ही न रहा"
हैप्पी प्रॉमिस डे
हर रिश्ते की नींव समझारी और
संवाद पर आधारित होनी चाहिए।
संदेह की धुंध को समय-समय पर बातचीत के
माध्यम से धोते रहना चाहिए ताकि
आपका रिश्ता सर्दियों में खिली
धूप की तरह चमक उठे।
वादा था पुराना
न तुझे जाने से रोका, न बुलाया वापस
न इस बात पे अफ़सोस जताया मैंने
अपनी उम्मीद का घोंटा गला फिर चुपके से
उसको अपने ही अंधेरे में डुबाया मैंने
फिर वही जिन्दगी
कर के वादे कई,वो मुकर जाते हैं।
फ़िर याद आती हैं क्यूं,उनकी वो बातें हैं?
कहती वो क्यूं थी,चाहती मैं हूं तुम्हे।
याद आते हैं क्यूं,बीते वो लम्हे?
शब्दों का सिन्धु
जिसे तलाशा था उस प्रेमी-प्रेमिका ने
अब प्रेमी का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान नहीं
प्रेमिका ख़ुश है
बेहद ख़ुश
पेड़ फिर पत्तियों से लहलहा उठा है और
प्रेमिका श्रृगालों के साथ मदमस्त होकर नाच रही है
उसके चेहरे पर अजीब-सी ख़ुशी है
जिसे व्यक्त कर पाना मेरे बस की बात नहीं
शब्द चुक गए हैं मेरे.
चिन्मयी की कलम
गुलाबों की महक बढ़ती गई। इस बार गुलाब के मुख पर
ये वादा था कि उसकी कलम कोई अन्य विषय पर
कभी कविता नहीँ लिखेगी। सिर्फ चिन्मयी के गद्य ही विषय होंगे।
शेक्सपियर के लव सोनेट्स को वो जीने-से लगे थे।
तभी गुलाब पर वज्रपात हुआ।
फिर मिलेंगे .... तब तक के लिए
आखरी सलाम
विभा रानी श्रीवास्तव
शुभ प्रभात दीदी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
मन में हठ होना चाहिए
कुछ भी कर सकते हैं
ये वादा है..आप सफल ही होंगें
....
किसी भी एक विषय की ऱचनाएँ
आप सिद्धहस्त हैं
सादर
सभी पोस्ट सुन्दर और पठनीय , 'चिन्मयी की कलम' को शामिल करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंलिंक की सभी सामग्री पठनीय ,वाकई आनन्द आ गया , रचनाकारों को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंवादा दिवस पर प्र्स्तुत एक सुन्दर हलचल ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंअच्छी हलचल
जवाब देंहटाएंबहुत बढियासंकलन।
जवाब देंहटाएंवाह!!