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सोमवार, 21 मार्च 2022

3339...आँगन आँगन जाल बिछे हैं...

शीर्षक पंक्ति:आदरणीय ज्योति खरे जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

सोमवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।

कल विश्व गौरैया दिवस पर प्यारी गौरैया को शिद्दत के साथ याद किया गया। 

आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

आजकल वह घर नहीं आती

शायद उसने धीरे धीरे

समझ लिया

आँगन आँगन

जाल बिछे हैं

हर घर में

हथियार रखे हैं

तब से उसने

फुदक फुदक कर

आना छोड़ दिया है---

गौरैया

गौरैया विलुप्त हो रही है

और इसे बचाने के लिए

आप लिख रहे हैं नारे

बना रहे हैं विज्ञापन

जैसे कि आप करते हैं छद्म, प्रपंच

जल बचाने के लिए

वृक्ष बचाने के लिए

बेटी बचाने के लिए

नन्ही गौरैया

रक्षा करती

चोट पहुँचा दें

चील या बाज़


पाती कुछ

अपेक्षा ही कोई

दायित्वबोध

कहां गयी तुम गौरैया

मन के तार झंकृत हो उठते थे,
उनके मधुर-मीठे गानों में।
उनके कोमल,लाल चोंच में,
तुम दानों के कण भरती थी।
निज शिशुओं की भूख मिटाकर,
अंतर की पीड़ा हरती थी।

TO-LET

मुझे पता चला है कि बहुत से दुष्ट प्रॉपर्टी डीलर्स और कई असंतुष्ट-असफल किराएदार, मुझे पीठ-पीछे – ‘खुड़-खुड़ अंकल जीकह कर पुकारते हैं.

ग्रेटर नॉएडा में किराए के लिए मकानों की बहुतायत है और किराएदारों की किल्लत होने की वजह से उनके बहुत नखड़े हैं.

मैंने औने-पौने दामों में एक ठीक-ठाक सा किराएदार रख लिया है. मुझे उम्मीद है कि उसे मैं – ‘खुड़-खुड़ अंकल जीनहीं लगूंगा.

बागेश्वर में पंजाबन मकानमालकिन की और अल्मोड़ा में पनवाड़न मकानमालकिन की धमकियों और धौंस से पीड़ित किराएदार, मैं बदनसीब, ग्रेटर नॉएडा में मकानमालिक ज़रूर बन गया हूँ पर मेरी किस्मत में किराएदार पर रौब मारना लिखा ही नहीं है.

*****

फिर मिलेंगे। 


रवीन्द्र
 सिंह यादव 

8 टिप्‍पणियां:

  1. वाह ! श्रेष्ठ सूत्रों का सुन्दर सार्थक संकलन ! मेरी रचना को भी इसमें सम्मिलित किया आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर,सराहनीय सूत्रों का चयन, शानदार प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  4. रवीन्द्र जी, गौरैया को समर्पित आज का अंक बहुत मन भाया । गौरैया की जीवन में एक ख़ास जगह रही है हमेशा से । कई कविताएँ लिखी गौरैया पर । स्मृति और कल्पना का अंग रही हैं । एक-एक रचनाकार का अनंत आभार । गौरैया पर लिखी हर बात अपनी लगती है ।

    जवाब देंहटाएं
  5. गौरैया पर केंद्रित यह महत्वपूर्ण अंक है आपने सुंदर लिंकों को इस अंक में समाहित किया है.
    साधुवाद आपको

    सभी रचनाकारों को बधाई
    म7झे सम्मलित करने का आभार

    जवाब देंहटाएं

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