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रविवार, 6 मार्च 2022

3324...राहें कभी इतनी आसां न होती...

शीर्षक पंक्ति:आदरणीया मीना भारद्वाज जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

रविवारीय अंक में पाँच रचनाओं के साथ हाज़िर हूँ।

विशेष!

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' जी कविता 'क़लम, आज उनकी जय बोल' का एक अंश-

कलमआज उनकी जय बोल

जला अस्थियाँ बारी-बारी

चिटकाई जिनमें चिंगारी,

जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर

लिए बिना गर्दन का मोल

कलमआज उनकी जय बोल।

-रामधारी सिंह 'दिनकर'

आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-

आँखों से पर्दा हटा है

वह उलझी रहती दिखावे में

वह  है कितनी अलग सबसे

अपने इस सतही  व्यवहार में

प्रयत्न अथाह  किये उसने |

सोपान

पहला सोपान थे

तुम्हारे पिता के मजबूत कंधे

जो तुम्हें यहाँ पहुँचाने के प्रयास में

आज इतने अशक्त और जर्जर हो चुके हैं

कि अब और किसीका वज़न

उठाने का उनमें बूता ही नहीं रहा!

सूरज से परे बादल हुए होते

राहें कभी इतनी आसां होती

जो तुम साथ चल रहे होते

माझी पहुँचाता नाव पार कैसे

लहरें ही होती किनारे होते

नन्हा शेवचेन्को | कविता | डाॅ (सुश्री) शरद सिंह

आज एक शेवचेन्को
भर्ती है अस्पताल में
हो चुका अनाथ
शायद अपनी एक टांग भी
खो दे
यह नन्हा बालक
शेवचेन्को है,
तरास शेवचेन्को नहीं

जिसने
होश आते ही पुकारा था -
मां को
पिता को
दादी को
और पौधे को

हुआ क्या?

फिर ढ़ूंढ़ता वो, ठंढ़े झौंके मलय के,

ठहरे, वो लम्हे समय के,

ऊंघती इन वादियों में, गूंजती सी शहनाईयां,

उन संग, गुजारी हुई तन्हाईयां,

हुआ क्या?

इस उम्र के उड़ते परिंदों को!

 *****

आज बस यहीं तक 

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

 

5 टिप्‍पणियां:

  1. राहें कभी इतनी आसां न होती
    जो तुम साथ चल रहे न होते..
    आभार..
    बेहतरीन अंक..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन सूत्रों से सजा सुंदर संकलन ।मेरे सृजन को मान देने के लिए हृदयतल से आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह जी । सादर…

    जवाब देंहटाएं
  3. उम्दा लिनक्स से सजा आज का अंक








    सुप्रभात

    सुप्रभात
    आभार सहित धन्यवाद रवीन्द्र जी मेरी राछाना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह ! बहुत सुन्दर सूत्रों का संकलन आज की हलचल में ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन अंक
    आभार आपका
    सादर..

    जवाब देंहटाएं

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