निवेदन।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 10 मार्च 2022

3328...खुद पर नियंत्रण रखोगे तभी उसे पाने में सफल रहोगे...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीया आशा लता सक्सेना जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

गुरुवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।

विशेष!

कविवर अज्ञेय जी की रचना 'पक्षधर' का अंश भाग-

"हमारा जन्म लेना ही पक्षधर बनना है,
जीना ही क्रमशः यह जानना है
कि युद्ध ठनना है
और अपनी पक्षधरता में
हमें पग-पग पर पहचानना है
कि अब से हमें हर क्षण में, हर वार में, हर क्षति में,
हर दुःख-दर्द, जय-पराजय, गति-प्रतिगति में
स्वयं अपनी नियति बन
अपने को जनना है।"

-अज्ञेय 

आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

वह और तुम

जितनी दूरी बना कर चलोगे

खुद पर नियंत्रण रखोगे

तभी उसे पाने में सफल रहोगे

यही एक  तरकीब उसे

तुम तक पहुंचाएगी |

मंजर याद आये,..

बिना दीवारों के कैद रहा,

वो पिंजर याद आये।

नीलाम करते आबरू ,

वो सिकंदर याद आये।

मुख्तसर हुई जुर्म की मंजिल

वो नश्तर याद आये।

क्यों अधिकार नहीं...

कराहों की प्रतिध्वनियाँ

सृष्टि के जन्मदाता से 

चाहती है पूछना

क्यों अधिकार नहीं मुझे

चुन सकूँ

किस रूप में जन्म लूँ ?

देखो चंचल हवा सलोना

चिड़िया कलरव करती प्यारी

दूर गगन में सूरज दादा

मंद-मंद मुस्काते रहते

वज्राहत मन

हाँहाँहाँशांतसुशील… !” स्मृतियाँ अब अम्मा जी के बुखार की तरह धीरे-धीरे उमड़ती हैं। बहुत देर तक स्थाई रहती हैं। माथे पर ठंडे पानी से भीगी  पट्टी रखी जाती है। गहरी साँस के साथ चारों तरफ़ देखती हैं परंतु दिखता नहीं है।स्वयं से संघर्ष कर आजीवन अर्जित किए दो शब्दों का  ख़िताब अम्मा जी के होंठ फिर टहलने लगता हैं।

शांतसुशील

बातें...

अब वक्त बहुत तन्हा मिलता है..खुद से बाते करने का....लोग तो ये भी कहने लगे है.. पागल है.. ना जाने क्या यूँ ही बड़बड़ाती रहती है.. उन्हें नही पता.. बाते कितनी और कैसी करनी है तुमसे अब..बस ये ही....खुद को समझाती रहती हूं...

आज बस यहीं तक 

फिर मिलेंगे।

 रवीन्द्र सिंह यादव 

 

5 टिप्‍पणियां:

  1. विविध रचनाओं से सज्जित सार्थक अंक ।
    बहुत बहुत आभार ।
    हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी 💐💐

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन अंक
    आभार आपका..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह!बहुत ही सुंदर भूमिका सराहनीय।
    इस अंक में वज्राहत मन को स्थान देने हेतु बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय रविंद्र जी सर।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. भूमिका की उद्वेलित करती पंक्तियों के साथ सुंदर सूत्रों से सुसज्जित प्रस्तुति में मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत आभार आपका।

    सादर।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...