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मंगलवार, 29 मार्च 2022

3347..पाने की ज़न्नत में बहत्तर हूरों के हो दीवाना,

सादर अभिवादन.....
आज का मंगलवारीय अंक
कुछ यूँ है....



दकियानूसी सोचों से सजी यूँ दिमाग़ी सेज,
क़ैद हिजाबों में सलोने चेहरे हैं बने निस्तेज।

क़ाफ़िर भी हैं इंसाँ, समझो ना तुम आखेट,
अगरचे हो रहे हो तुम भी तो यूँ मटियामेट।






तेरे मेरे होने के पास
कोशिश है करना ही होगा
दर्द के टुकड़ों को सीनाही होगा
मुस्कुरा कर जिंदगी को मेरी
बिन तेरे अब जीना ही होगा



दरअसल,यह उनकी गलती नहीं है।मैंने खुद को ऐसा तैयार किया है कि बाहर से बुद्धिमान लगूँ।कई बार तो मुझे भी शंका होने लगती है कि मैं भी उन जैसा हूँ।फिर अगले पल मेरी उपलब्धियाँ बताती हैं कि मैं दिशाहीन होने से बच गया।बिना किसी मुलम्मे के मैं सोने-सा ख़रा मूर्ख हूँ।मुझे इस बात का बेहद संतोष है कि मूर्खता के दम पर मैंने अपनी अलग पहचान बनाई है।





रह जाती हूँ अचंभित देखकर उन बालकों का देखकर मोबाइल- प्रेम हर दिन
कुछ आधुनिकता का असर ,कुछ माता-पिता की अपनी व्यस्तता निस-दिन
व्यस्त भाग -दौड़ भरी ज़िंदगी ,एकल परिवार भी हैं शायद इसके जिम्मेदार
कुछ तो सोचना ही होगा परिवारों को और निकालना होगा ठोस उपाय जरूर
नानी -दादी ,माता -पिता जब  खुद व्यस्त हैं अपने मोबाइल के साथ दिन और रात




स्नात नैनों को, दुसह स्मृति में झुकाकर, दीन जैसे
सांध्य-ऊषा में फिरेंगे, रेणु बन सर के किनारे।
अब गगन से रक्त बरसे, या कि गिर जाए गगन ही
प्रेयसी, दुःस्वप्न की पीड़ा कहो कैसे बिसारें?




मन केवल नींद में ही नहीं देखता स्वप्न
दिवास्वप्न भी होते हैं
जागती आँखों से देखे गए स्वप्न
बात यह है कि
खुद से मिले बिना नींद खुलती ही नहीं


आज बस

सादर 

7 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात! बड़े श्रम से संकलित किए छह सराहनीय और पठनीय रचनाओं के लिंक्स से सजा है आज का अंक, शुभकामनाएँ और आभार!

    जवाब देंहटाएं
  2. जी ! नमन संग आभार आपका .. आज की अपनी बहुरंगी प्रस्तुति में मेरी बतकही को स्थान देने के लिए ..
    पर इन सारी विशिष्ट रचनाओं के बाद भी आपकी आज की भूमिका की कमी खल रही है .. बस यूँ ही ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. भूमिका ठहरे पानी पर लिक्खी जाती है
      मार्च रूपी जल बह-बह कर खत्म होने
      की कगार पर है..
      आभार..
      सादर..

      हटाएं
    2. प्रकृति में कब .. कुछ भी ठहरा है भला !! .. अलग-अलग कालखंडों के दायरे में सभी कुछ चलायमान और परिवर्तनशील ही तो है .. शायद ...

      हटाएं

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