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गुरुवार, 17 मार्च 2022

3335...जब फसल रूठी खड़ी है आस कैसे थालियों की...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीया अनीता सुधीर 'आख्या' जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

'पाँच लिंकों का आनन्द' परिवार की ओर से होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ l 

गुरुवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।

आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

 पर्व होली

होलिका मद आप डूबी

शक्ति भ्रष्टा मोह में थी

भूल कर सब दंभ में वो

मूढ़ता की खोह में थी

जल मरी अज्ञान तम में

हो अमर फिर ध्रुव गमकता।

मादक सी गंध है होली के रंग लिए

टूटे तारों से झंकृत हो आया फिर से मन

कोयल कूकी बुलबुल झूली

सरसों फूली मधुवन महका मेरा मन

छुयी मुई सी नशा नैन का

यादों वादों का झूला वो फूला मन

फागुनी आई मेरे द्वारे

उड़े गुलाल अबीर अंगन

चौबारा रंग नहाए

बालवृंद पिचकारी ले

हैं गलियन धूम मचाए

साजन हैं परदेस

सजनियाँ ड्योढी बैठ निहारे ।।

 होलिका दहन

पूर्णिमा की फागुनी को

है प्रतीक्षा बालियों की

जब फसल रूठी खड़ी है

आस कैसे थालियों की

होलिका बैठी उदासी

ढूँढती वो गीत अनुपम।।

 प्रेम के प्रेम में होना

आत्मीयता की ऐसी गढ़न, ऐसी खुशबू बेहद स्वाभाविक होती है. इसे चाहकर रचा नहीं जा सकता. जैसे किसी को चाहकर प्रेम नहीं किया जा सकता. वो तो बस हो जाता है. यह उसी हो गये प्रेम की तस्वीर है. इस तस्वीर में उस पाठक के सुख की बाबत लिखा नहीं जा सकता जो इन दोनों के प्रेम में हो.

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 


6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुतै शानदार
    होली अंक..
    शुभकामनाएं..
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  2. होलिका दहन की शुभकामनाओं के संग हार्दिक बधाई
    उम्दा लिंक्स चयन

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर संकलन होली पर, आप ने मेरी रचना "मादक सी गंध है होली के रंग लिए" को भी चुना हर्ष हुआ , आभार , राधे राधे।

    जवाब देंहटाएं
  4. रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं, एंव बधाई सभी का जीवन खुशियों से भरा रहे।
    मुग्ध करती प्रस्तुति, सभी रचनाएं बेजोड़।
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    मेरी रचना को हलचल में स्थान देने के लिए हृदय से आभार।

    जवाब देंहटाएं
  5. होली के रंग में रंगा सुंदर सराहनीय अंक ।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी ।
    रंग पर्व होली पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई 💐💐

    जवाब देंहटाएं

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