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शनिवार, 19 मार्च 2022

3337... होली

बिहार में जली थी होलिका

शुभकामनाओं के संग हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...

उदयातिथि से पर्व मनाया जाता है... फिर भी कहीं होली तो कहीं बसियौरा... 

डोलची बाल्टियों व रंगों की हमजोली
संगी साथियों के साथ  होती आंखमिचौली।
याद है सड़क पर गुजरते लोगों पर रंग फेकना
वो हफ्तों तक चेहरे से रंग का ना छूटना।
फागुन फीका सा लगे, घर आए न कंत
जानूँ न इस विरह का, होगा कैसे अंत
सिमट रहा है दायरा, हुए पड़ोसी दूर
होली अब होली कहाँ, केवल है दस्तूर
मिलन हमारा कर सके, खुशियों की बौछार
तभी सार्थक मानिए, होली का त्यौहार
ऊँचे आदर्शों के सपनों में खोई है
किये रतजगे कितनी रात नहीं सोई है
आजादी की खातिर बलिदानी वीरों की
यादों में यह कितनी घुट-घुट कर रोई है.
यों तो यह भोली है, युग की रणभेरी है
लेकिन अंग्रेजी की, भृत्या है, चेरी है
यश,कीर्ति, सम्मान मिले,
और बढेसत्कार ||
शुभ-शुभ रहे हर दिन हर पल,
शुभ-शुभ रहे विचार |
उत्साह बढे चित चेतन में,
निर्मल रहे आचार
देखो प्यारा तमाशा हमजोली का।
हाथी राजा  झूम के  आए
सूड़ से अपने  रंग बरसाए
बाघ सियार भेड़िया  धाये
लेकिन रंग से बच ना पाए
नशा छाया है  भांग की गोली का

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पुनः भेंट होगी...
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7 टिप्‍पणियां:

  1. उदयातिथि से पर्व मनाया जाता है...
    फिर भी कहीं होली तो कहीं बसियौरा...
    सदाबहार प्रस्तुति..
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. होली का रंग में हर कोई लिपटना चाहता है । ऐसे अवसर के लिए साल पर इंतजार करना पड़ता है । यही इस उत्सव की खासीयत है ।
    - बीजेन्द्र जैमिनी

    जवाब देंहटाएं
  4. यहाँ दिख रहा है कि बौराया हुआ होली है। बसियौरा कल दिखेगा। शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  5. खुशयों भरा रंग होली का सदा बिखरता रहे।
    सुन्दर रचना।

    जवाब देंहटाएं
  6. होली के असीम रंगों 0की छटा बिखेरत अद्भूत अंक प्रिय दीदी।कविता ने भी दस्तक दी।और हार्दिक उल्लास के द्योतक नयनाभिराम चित्रों का क्या कहना!!
    बहुत बहुत आभार साझा करने के लिए।आपको और समस्त ब्लॉग परिवार5को होली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 🙏🙏❤❤

    जवाब देंहटाएं

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