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गुरुवार, 11 नवंबर 2021

3209 कोई हक़ नहीं तुम्हें कि रोशनी बिखेरने का नाटक करो

सादर अभिवादन
भाई रवीन्द्र जी आज खो गए हैं कहीं
ताबड़-तोड़ प्रस्तुति



काग फिरे मुंडेर मापतो  
मनड़े ऊपर खोंच करे।
आख्या पाणी झर-झर जावे
टेढ़ी-मेडी चोंच करे।
पातल पर खुर्चन धर लाई
काला काग जिमावे है।





पहाड़ का जीवन आसान नहीं, वैसे ही पहाड़ों पर जाना भी आसान नहीं। खासतौर से उनके लिए जो साल के 365 दिनों में से 360 दिन भुट्टे की तरह धीमी आँच पर सिकते रहते हैं। 30- 35 डिग्री के तापमान से माइनस पर पहुंच जाना पूरे तंत्र को हिला देता है। उस पर यदि आपको पहाड़ी इलाकों में चक्कर और उल्टी की समस्या हो, तब तो क्या खाक़ ही मज़ा आएगा! लेकिन इतने पर भी राहत कहाँ, अभी तो दुर्गम, खतरनाक रास्तों पर चलना शेष है। न चाहते हुए भी, बार-बार नज़रें गहरी खाई को देखती हैं और कलेजा बैठने लगता है।




कार्तिक मास सदा उर भाए।
त्योहारों में मन हर्षाए।।
शुक्ल पक्ष की षष्ठी आई।
महापर्व की खुशियाँ छाई।।


दोनों ही कान्हा के प्रिय हैं
मीरा हो या रसखान। नादान।।

जो निर्बल का बल बनता है
उसके वश में भगवान। नादान।।

तुझको विश्वास मुखौटों पे
सच्चाई कुछ तो जान। नादान।।



क्यों जला रहे हो दिए
साल भर अँधेरा बाँटने वाले?
कोई हक़ नहीं तुम्हें
कि रोशनी बिखेरने का नाटक करो.


ये कवि जो हरक्षण में जागा करते हैं,
चलती फिरती कोर्ट और तहसीलें हैं।।
...
बस
रविवार को मैं नही रवीन्द्र जी आएंगे

10 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात !
    सुंदर विविध रचनाओं से सज्जित सार्थक संकलन । बहुत बहुत शुभकामनाएं आदरणीय दीदी 💐💐🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह!खूबसूरत रचनाओं से सजा अंक ।

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह!खूबसूरत रचनाओं से सजा अंक ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन संकलन
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुंदर सराहनीय संकलन आदरणीय दी।
    मेरे सृजन को स्थान देने हेतु दिल से आभार।
    सभी को हार्दिक बधाई।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छा संकलन, बहुत बधाई हो new tech app

    जवाब देंहटाएं
  7. कई बार जल्दबाजी में बनाया कुछ कथित यूं ही सा कुछ लाज़वाब और यादगार बन नाश्ते को अविस्मरणीय बना जाता है। बस ऐसी ही बढ़िया प्रस्तुति जिसमें लिंक भले कम हैं पर सभी रचनाएँ रोचक हैं। अब इस साल के सब त्यौहार तकरीबन समाप्ति की ओर हैं।सभी सदस्यों से अनुरोध है लौट आएऔर ब्लॉग जगत की खोई रौनक बहाल करें। आभार और अभिनंदन प्रिय दीदी 🙏🌷🌷❤️❤️

    जवाब देंहटाएं

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