।। उषा स्वस्ति।
"व्यक्ति में इतनी ताकत हमेशा होनी चाहिए कि अपने दुख, अपने संघर्षो से अकेले जूझ सके।"
-मन्नू भंडारी
खो गए प्रेम के गीत
मगर त्रिया विरोधी कभी नहीं..
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
।। उषा स्वस्ति।
"व्यक्ति में इतनी ताकत हमेशा होनी चाहिए कि अपने दुख, अपने संघर्षो से अकेले जूझ सके।"
-मन्नू भंडारी
मगर त्रिया विरोधी कभी नहीं..
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
प्रीत की चादर पे शर्तें जब तनीं
जवाब देंहटाएंलुप्त सारा ताना-बाना..
wow
बहुत-बहुत आभार 🙏
जवाब देंहटाएंशानदार रचनाओं का संगम
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति,मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार 🙏
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति और मनमोहक रचनायें। मन्नू भंडारी जी की पुण्य स्मृति को सादर नमन 🙏🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएं