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मंगलवार, 23 नवंबर 2021

3221 ..क्यों? भागता है, इन मामूली चिंगारियों से


सादर अभिवादन
स्वतंत्र आवाज , जी हाँ
पहले तो में अचकचा गई
इस ब्लॉग का नाम पढ़कर
चक्रव्यूह में घुसकर महारथियों
घुटने को मज़बूर करने वाले
अभिमन्यु सी प्रकृति है इस ब्लॉग की भी
लेखन में विविधता और
सारगर्भित रचनाओं का संग्रह
अवसाद से जीतकर
उसकी कलम ने उगली
आक्रामक रचनाएँ...
साधुवाद मनीषा को...
आभार



पता तो सबको है,
कि जिंदगी की मंजिल मौत है !
फिर भी मौत के नाम से
आंखें नम हो जाती हैं!




लोल लहरें मंद स्वर
के साथ कर रहीं थीं!
नृत्य का अभ्यास!
निरवता को तोड़ते हुए,
जा रही थी जिसकी
दूर तक आवाज!




जिस्म को करके हवस के पुजारियों के हवाले,
खड़ी हो जाती है ,
एक कोने में जाके!
स्तब्ध सी निहारती रहती है ,
जिस्म को नोच रहें गिद्धों को,
और इक वैश्या के आगे बेनकाब होती शराफत को!




गाल गुलाबी होते उससे पहले
उसके हाथ पीले हो गए
उसकी आँखों में सुनहरे सपने पलने से पहले
टूट कर चकनाचूर हो गए
उसके भी थे कुछ सपने
पर नहीं समझ सके उसके अपने




मत दे ध्यान इन बातों पर,
कि कौन हंस रहा तुझ पर!
छूना है हर ऊंचाइयों को,
ये काबिलियत है तुझ में!
क्यों? भागता है, इन मामूली चिंगारियों से
अभी तो सुलगते अंगारों पर चलना है तुझे!
....
आभार मनीषा 
इन सुन्दर रचनाओं के लिए
सादर


9 टिप्‍पणियां:

  1. प्रिय मनीषा के के ब्लॉग स्वतंत्र आवाज़ को मैं भी निरंतर देखती और पढ़ती आ रही हूं,आज की भूमिका में लिखी पंक्तियां, इस ब्लॉग का बखूबी परिचय दे रही हैं,उनकी रचनाओं में रोष,जोश,तथा यथार्थ का बखूबी चित्रण होता है, उनकी लेखनी समाज की विभिन्न कुरीतियों, विकृतियों को आइना दिखाने में महती भूमिका निभाने का काम कर रही है,स्त्री विमर्श पर उनकी रचनाएँ बेहद सराहनीय होती हैं ।
    उनकी लेखनी निरंतर ऐसे ही चलती रहे, उन्हें मेरी हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ।
    यशोदा दीदी आपको मेरा नमन और वंदन 🙏💐

    जवाब देंहटाएं
  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात🙏🙏
    मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती कि ये सम्मान पाकर मुझे कितनी खुशी मिली है!ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात है! ब्लॉग जगत में एक से बढ़ कर एक लेखक हैं जो बड़े बड़े पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकें हैं और उनके साथ इस मंच पर मेरी रचनाओं को जगह मिलना ही मेरे लिए बहुत सम्मान की बात होती है पर सिर्फ और सिर्फ मेरे लेख और रचनाओं को एक साथ,इस मंच पर प्रस्तुत करना ये मेरे लिए बहुत ही सम्मान की बात है!मेरी लेखनी को इतना सम्मान देने के लिए आपका आभार व्यक्त करने के लिए धन्यवाद तो बहुत ही छोटा शब्द है
    फिर भी तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय मैम🙏🙏🙏🙏🙏🙏
    नमन् 🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सभी रचनाएं सराहनीय है
      वर्ष पूरा होने पहले ही इतना सधा हुआ लेखन
      और..यहां मुझसे बड़े मुझे नाम से संबोधित करते हैं.. आप दीदी कह सकती हैं..
      सादर..

      हटाएं
  4. वाह!सराहनीय संकलन।
    हार्दिक बधाई प्रिय मनीषा जी।
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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