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शनिवार, 20 नवंबर 2021

3218... साहिल


हाज़िर हूँ...! पुनः 
उपस्थिति दर्ज हो...

 लहरें जितनी तेजी से रेत पर लिखा नाम मिटा देती है, जो दिल के प्रतीक के अन्दर में लिखा होता है, उससे कम समय में दिल में बसा रिश्ता मिट रहा है... हर हाल में लाचार बेबस 

साहिल

धूप ,छाँव और मेहनत भरी जिंदगी की इस जंग में।
कहाँ साहिल मिला, जहाँ चैन का एक पल भी गुजारा है।

दे कुछ पल ऐ जिंदगी.... ,ठहराव के, आराम के मुझे।
मैं भी यह जान पाऊँ ,की जिंदगी का क्या इशारा है।

साहिल

एक  नाविक ,

तूफ़ान  से   उफनते  दरिया  को  देख ,

मुस्कुरा  उठा ..

उफान  पर  था  दरिया ,

हवा  तेज  और  तेज  हो  रही  थी ,

साहिल

अमरीकी साम्राज्यवाद निकृष्टतम राजनीति करते हुए भी दुनियाभर में 'अराजनैतिक होने' को एक 'वरेण्य मूल्य' के रूप में प्रस्तावित-प्रचारित करता रहता है, इस हक़ीक़त की गहराई में जाकर ग़लत राजनीति के खिलाफ़ और सही राजनीति के पक्ष में खड़ा होना होगा. दुविधाग्रस्त मन दुश्मन के काम को आसान बना देता है.

साहिल

तुम दुनिया से अलग हो ,

यह सोच कर आंखों ने कुछ ख्वाब सजाए थे

मगर यह आंखें रो गई।

दादी कहती थी 4 दिन की चांदनी,

 फिर अंधेरी रात

साहिल

ये भी न सोचा

कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी

बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी

आपके नाम कर दी।

वैतागवाड़ी

आप क्या करते हैं?

मैं दरख़्त लगाता हूं

हर रात एक नया दरख़्त

सुबह होने तक आसमान से जा लगता है

मेरा दरख़्त

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पुनः भेंट होगी...
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5 टिप्‍पणियां:

  1. सदाबहार प्रस्तुति
    आभार..
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  2. आज थोड़ा गड़बड़
    फिर सब ठीक
    सदा की तरह लज़्ज़तदार प्रस्तुति
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर, सराहनीय अंक ।बहुत शुभकामनाएं आदरणीय दीदी 🙏💐

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति!
    आपसे विनती है कि जिस तरह पहले हर अंक को आप लोग अपनी प्रतिक्रिया के साथ प्रस्तुत करते थे अगर हो सके तो वैसे ही कीजिए इससे रचनाओं के साथ प्रस्तुति में चार चाँद लग जाते हैं!आभार🙏🙏🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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