इस सृष्टि का सबसे कोमल,स्नेहिल, पवित्र, शक्तिशाली , सकारात्मक एवं ऊर्जावान भाव,विचार या स्वरूप है। सूर्य,चंद्र,अग्नि,वायु,वरूण,यम इत्यादि देवताओं जो प्रकृति में स्थित जीवनी तत्वों के अधिष्ठाता हैं, के अंश से उत्पन्न देवी का आह्वान करने से तात्पर्य मात्र विधि-विधान से मंत्रोच्चार पूजन करना नहीं अपितु अपने अंतस के विकारों को प्रक्षालित करके दैवीय गुणों के अंश को दैनिक आचरण में जागृत करना है।
मीडिया में पोस्ट करने के लिए घायल पैर की कई फोटू खिंचवाईं और उनमें से एक सेलेक्ट कर के पोस्ट कर दी. व्हाट्सप्प पर तीन बड़े बैंकर ग्रुप थे, एक फॅमिली का ग्रुप, एक रिश्तेदारों का ग्रुप, एक मोहल्लेदारों का ग्रुप था और कुछ फुटकर कस्टमर भी थे मसलन डॉक्टर, केमिस्ट, कार सर्विस सेंटर, केबल वाला, किरयाने वाला, धोबी, नाई और माली. सब में फोटो पोस्ट कर दी गई थी. और अब धड़ाधड़ मैसेज आ रहे थे. उधर फेसबुक और ट्विटर में फोटो पोस्ट कर दी गई थी और वहां से भी धुँआधार मैसेज आ रहे थे.साब को जवाब देने की फुर्सत ही नहीं मिल रही थी.
मंदिरों में सजाया गया मुझे पर क्या घर आंगन में उतनी ही सहजता से क्या स्वीकारा गया है मुझे गर्भ से लेकर श्मशान तक कितनी कठिनाइयों को झेला पर इस रोष में कभी संसद पर ताला चढ़ाया है तूने शानदार अंक नमन दीदी
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जवाब देंहटाएंमंदिरों में सजाया गया मुझे
पर क्या घर आंगन में
उतनी ही सहजता से
क्या स्वीकारा गया है मुझे
गर्भ से लेकर श्मशान तक
कितनी कठिनाइयों को झेला
पर इस रोष में कभी
संसद पर ताला चढ़ाया है तूने
शानदार अंक
नमन दीदी
धन्यवाद
हटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका तहे दिल से बहुत बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति👌👌👌👌
आदरणीया दीदी, बहुत सारा स्नेह व धन्यवाद मेरी रचना को लेने के लिए। बाकी तो आप रचना से ही समझ लीजिए। सादर।
जवाब देंहटाएंYdsustjdj6835375₹58₹)&
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया।मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
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