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शनिवार, 23 अक्टूबर 2021

3190.. जादूगर

  

 हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...

अगर जो आँसू छुपा लेना नहीं आता

तो दरिया अपना लाज छुपा रहा होता

कौन साबित कर सकता है कि हम नहीं हैं

जादूगर

चौकलेट के पेड़ लगाता

पेप्सी कोला ढेर बनाता

पीते बच्चे जी भर कर

दिखलाता मैं जादू हर

जादूगर

हाल में देश के भीतर भाषा की सियासत को लेकर जो विवाद का माहौल बना है और भाषा को राजनीति का मोहरा बनाकर शाह और मात का खेल खेलने वालों से वे विनम्रता पूर्वक ‘करबद्ध’ अनुरोध करते है “कि राज नहीं–भाषा/भाषा-भाषा-सिर्फ भाषा रहने दो” क्योंकि वे मानते है “इसमें भरा है/पास-पड़ोस और दूर-दराज की/इतनी आवाजों का बूँद-बूँद अर्क/कि मैं जब भी इसे बोलता हूँ/तो कहीं गहरे/अरबी तुर्की बांग्ला तेलुगु/यहाँ तक कि एक पत्ती के/हिलने की आवाज भी”| इसप्रकार किसी देश की भाषा का उस देश की परंपरा और संस्कृति से अभिन्न एवं हिंदी भाषा की अन्य देशी-विदेशी भाषाओँ से परस्पर अन्योन्याश्रित सबंध का भी बयान करते है|

जादूगर

मैं ज़ख्मों को बदल सकता हूँ फूलों में

दरख्तों को साज़ बना सकता हूँ

और हवा को साज़ नवाज़

सचमुच! बच्चे ने कहा

तो फिर तुम मेरी साइकिल को घोड़ा बना दो

जादूगर

नई पढाई नया तरीका 

लेकर तुमको आना है 

मिलजुलकर अपने भारत का 

नया स्वरुप बनाना है 

बच्चे तुम हो भविष्य देश का 

तुमको एक इंसान बनाना

जादूगर

वो दिन रात तुम्हारी चिन्ता में जलता है

वो पल पल तुम्हारे भले की सोचता है

वो तुम्हें तथाकथित उन कलाओं के बारे में बताता है

जिनसे कई सौ साल पहले तुम्हारे पूर्वजों ने राज किया था

वो उन कलाओं को फिर से तुम्हें सिखा देने का दावा करता है

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पुन: भेंट होगी...

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7 टिप्‍पणियां:

  1. सदा की तरह..
    शानदार..
    आभार..
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  2. कितनी गहन अर्थ लिए है भूमिका की पंक्तियां दी।
    सही हैं तो सही को साबित करने की कोशिश व्यर्थ है
    सही समय की गवाही में सही रहेगा सही का यही अर्थ है।
    सभी कविताएं बहुत अच्छी हैं और लेख भी लाज़वाब है।
    हमेशा की तरह सराहनीय संकलन👌

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया आदरणीय दीदी! संतुलित प्रस्तुति जिसमें रोचक अंक समाहित हैं। जादूगर पर अधारित रचना माला विशिष्ट है। कविताओं में जादूगरी का तिलस्म है और लेख अपनी मिसाल आप है। लेख के बहाने सुंदर , ज्ञानवर्धक वेबसाइट तक पहुंचाने के लिए शुक्रिया। पंजाबी का जाने पहचाने कवि सुरजीत पातर जी की अनुदित रचनाएँ बहुत बढ़िया हैं। आम विषय वस्तु को विशेष बनाना उनकी विशेषता है। सभी रचनाकारों को बधाई और शुभकामनाएं और आपकी हार्दिक आभार इस मनभावन प्रस्तुति हेतु 🙏🙏🌷🌷

    जवाब देंहटाएं

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