निवेदन।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 7 अक्तूबर 2021

उधेड़ रहा है अपनी ही सिलाइयाँ...3174

 सादर अभिवादन। 

नवरात्र आरंभ हुए। 

शुभकामनाएँ !

पढ़िए गुरवारीय अंक की चुनिंदा रचनाएँ-

अपने ही पिंजरों में रहना है

कह रही है मुझसे मेरी कलम
कि बेकार की लिखत-पढ़त करके
इन दिलजलों को
तू और सता नहीं।


प्रेम ऐसा ही होता है


जैसे कोई

रंगों के महोत्सव

के 

बीच

किसी अधखिले फूल की

प्रार्थना।


बेवफ़ाई 

बंजर भूमि मै  तब्दील होती गई

हर उत्सवों ,त्यौहारों में मैं 
तुम सब के बेवफाई का 
बोझ अकेले ढो़ती गयी 
धीरे-धीरे अपनी 
उम्मीदों ,सपनों और श्रंगार को 
अपने तन-मन से उतारती गई

धन-वैभव ना सुख अपार

ना माँगू मैं ये संसार।

पावन कर दो आत्मा मेरी

 होगा "माँ" तेरा उपकार।।


इज्जात 

"तू कहाँ से समझदार हुई तुझसे बड़ा तो तेरा भाई है....?" "हाँ, है तोपरंतु कीमती चीज़ नहीं, बाबा ने उसे अपनी सारी दौलत सौंपी है।""तुम दोनों यहाँ बैठी हो? चलो अब डांट खाओ केतकी मैडम की।"स्कूल की आया ने दोनों को क्लास की ओर खदेड़ दिया।


आओ माँ !


माँ हरो मेरे अंतर में व्याप्त अंधकार !
माँ साहस ही देना वरदान इस बार !
आओ माँ आओ मंगल हो त्यौहार !

शंखनाद जयघोष सहित हो भव पार !


10 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात रवींद्र जी...। आभार आपका मेरी रचना को सम्मान देने के लिए साधुवाद...। नवरात्र की शुभकामनाएं...

    जवाब देंहटाएं
  2. अपमान की थाली में
    आसमान की तरफ इशारा करके
    मेरे पंखों को कसके पकड़ा गया
    मेरी हथेलियों पर नमक रोपकर
    मुझे मुस्कुराने की हिदायत दी गई
    बेहतरीन अंक
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्‍दर चयन। लघु कथा 'इज्‍जत' बहुत अच्‍छी लगी।

    जवाब देंहटाएं
  4. नवरात्रि की अनेकानेक शुभकामनाएं, रवीन्द्र जी ।
    आज के पन्ने पर जगह देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद । हम सबके ह्रदय में माता की ज्योत जले ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सभी को नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं । बेहतरीन प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  6. उत्कृष्ट रचनाओं का संकलन,लाजवाब प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय सर, मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...